________________
13
143
143
144
144
ऋषिभाषित का दार्शनिक अध्ययन
(11) मंखलीपुत्र द्वारा प्रतिपादित साधना मार्ग (12) याज्ञवल्क्य का साधना मार्ग (13) भयाली द्वारा उपदिष्ट साधना मार्ग (14) बाहुक द्वारा प्रतिपादित साधना मार्ग
144 (15) मधुरायण द्वारा प्रतिपादित साधना मार्ग
144 (16) सोरियायण का साधना मार्ग (17) विदुर द्वारा प्रतिपादित साधना मार्ग
145 (18) वारिषेण द्वारा प्रतिपादित साधना मार्ग
145 (19) आर्यायण का समन्वित मोक्ष मार्ग
145 (20) उत्कटवादियाँ का निर्वाण संबंधी दृष्टिकोण
145 (21) गाथापति-तरुण का ज्ञान मार्ग
146 (22) गर्दभाली का ध्यान मार्ग
146 (23) रामपुत्र का चतुर्विध साधना मार्ग
147 (24) हिरिगिरि का कर्म विमुक्ति मार्ग
147 (25) अम्बड का संयम साधना मार्ग
148 (26) मातंग ऋषि का अध्यात्म मार्ग
148 (27) वारत्तक ऋषि का ध्यान एवं स्वाध्याय का साधना मार्ग 149 (28) आर्द्रक का संयम मार्ग
149 (29) वर्धमान का पाप-वारण का मार्ग
149 (30) वायु द्वारा प्रस्तुत शुभाचरण का संदेश
150 (31) पार्श्व का चातुर्याम
151 (32) पिंग ऋषि द्वारा प्रस्तुत आध्यात्मिक कृषि
151 (33) अरुण ऋषि द्वारा प्रस्तुत साधना मार्ग (34) ऋषिगिरी का संयम साधना मार्ग
152 (35) उद्दालक का कषाय-जय का साधना मार्ग 153 (36) नारायण ऋषि की क्रोध-विजय की साधना पद्धति 154 (37) श्री गिरि का आचार मार्ग (38) सारिपुत्र का मध्यम मार्ग
155 (39) संजय द्वारा प्रस्तुत आत्म शोधन की पद्धति
156 (40) द्वैपायन की इच्छा जय की साधना पद्धति
157 (41) इन्द्रनाग का इन्द्रिय संयम का साधना मार्ग
157 (42) सोम की अहिंसक जीवन दृष्टि
158 (43) यमऋषि की समत्व की साधना पद्धति
158 (44) वरुण की वीतरागता की साधना विधि
159 For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
152
155
Jain Education International