SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 148
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ SINGHI JAIN SERIES Works in the Series already out. अद्यावधि मुद्रितग्रन्थनामावलि 1 मेरुतुजाचार्यरचित प्रबन्धचिन्तामणि 18 जैनपुस्तकप्रशस्तिसंग्रह, प्रथम भाग. मूल संस्कृत ग्रन्थ. 19 हरिभद्रसूरिविरचित धूर्ताख्यान. (प्राकृत) 2 पुरातनप्रबन्धसंग्रह बहुविव ऐतिह्यतथ्यपरिपूर्ण 20 शान्त्याचार्यकृत न्यायावतारवार्तिक-वृत्ति. अनेक निबन्ध संचय. 21 दुर्गदेवकृत रिष्टसमुच्चय. 3 प्रबन्धचिन्तामणि-हिन्दी भाषान्तर, 22 कवि अब्दुल रहमानकृत सन्देशरासक. 1 उदयप्रभसूरिकृत धर्माभ्युदयमहाकाव्य. 23 भर्तृहरिकृत शतकत्रयादि सुभाषितसंग्रह. 5 कीर्तिकौमुदी आदि वस्नुपालप्रशस्तिसंग्रह. 24 कवि धाहिलरचित पउमसिरीचरिउ. (अप०) 6 राजशेखरसूरिरचित प्रबन्धकोश. 25 महेश्वरसूरिकृत नाणपंचमीकहा. (प्राकृ०) 7 मेघविजयोपाध्यायकृत देवानन्दमहाकाव्य. 26 श्रीभद्रबाहुआचार्यकृत भद्रबाहसंहिता. 8 यशोविजयोपाध्यायकृत जैनतर्कभाषा. 27 जिनदत्ताख्यानद्वय. (प्रा०) 9 हेमचन्द्राचार्यकृत प्रमाणमीमांसा. 28 जयसिंहसूरिकृत धर्मोपदेशमाला. (0) १०जिनप्रभसूरिकृत विविधतीर्थकल्प. 29 जयपाहुडनाम निमित्तशास्त्र. (प्राकृत) 11 जिनेश्वरसूरिकृत कथाकोषप्रकरण. (प्रा.) 30 महामुनिगुणपालविरचित जंबूचरित्र (प्राकृत) 12 भट्टाकलङ्कदेवकृत अकल ग्रन्थत्रयी. 31 कोऊहलविरचित लीलावई कहा. (प्रा०) 13 प्रभाचन्द्रसूरिरचित प्रभावकचरित. 32 महेन्द्रसूरिकृत नर्मदासुन्दरीकथा. (प्रा० 14 मेघविजयोपाध्यायकृत दिग्विजयमहाकाव्य. 34 खयंभूविरचित पउमचरिउ, भाग १(अप० 15 सिद्धिचन्द्रोपाध्यायरचित भानुचन्द्रगणिचरित. 35-36 , भाग 2-3 / / 16 यशोविजयोपाध्यायविरचित ज्ञानबिन्दुप्रकरण. | 39 दामोदरकृत उक्तिव्यक्तिप्रकरण. हरिषेणाचार्यकृत बृहत्कथाकोश. 40 सिद्धिचन्द्रकृत काव्यप्रकाशखण्डन. Dr. G. H. Buhler's Life of Hemachandracharya. Translated from German by Dr. Manilal Patel, Ph. D. Works in the Press. संप्रति मुद्यमाणग्रन्थनामावलि 1 खरतरगच्छबृहद्गुर्वावलि. 6 गुणचन्द्रविरचित मंत्रीकर्मचन्द्रवंशप्रबन्ध. 2 कुमारपालचरित्रसंग्रह. 3 विविधगच्छीयपहावलिसंग्रह. 7 उड्योतनसूरिकृत कुवलयमालाकथा. 4 जैनपुस्तक प्रशस्तिसंग्रह, भाग 2. 1. कौटिल्यकृत अर्थशास्त्र -सटीक. (कतिपयअंश) 5 विज्ञप्तिलेखसंग्रह-विज्ञप्ति महालेख-विज्ञप्ति त्रिवेणी आदि अनेक विज्ञप्तिलेख समुच्चय. 9 गुणप्रभाचार्यकृत विनयसूत्र. . Shri Bahadur Singh Singhi Memoirs. 1 स्व. बाबू श्रीबहादुरसिंहजी सिंघी स्मृतिग्रन्थ [भारतीय विद्या, भाग 3] सन 1945. 2 Late Babu Shri Bahadur Singhji Singhi Memorial volume. BHARATIYA VIDYA [Volume V] A. D. 1945. 3 Literary Circle of Mahamatya Vastupala and its Contribution to Sanskrit Literature. By Dr. Bhogilal J. Sandesara, M. A., Ph.D. (S.J. S. No. 38.) 4-5 Studies in Indian Literary History, Two Volumes. - By Prof. P. K. Gode, M.A. (S. J. S. No. 37-38.) Malin Education International For Private a Personal use only jainelibrary.org
SR No.002506
Book TitleKavya Prakasha Khandana
Original Sutra AuthorSiddharshi Gani
AuthorRasiklal C Parikh
PublisherSinghi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai
Publication Year1953
Total Pages148
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy