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श्रीमद्भट्टाकलङ्कदेवविरचितम् अकलंकग्रन्थत्रयम्
[स्वोपज्ञविकृतिसहितं लघीयस्त्रयम्, न्यायविनिश्चयः, प्रमाणसंग्रहश्च ।।
[न्यायाचार्य पं० महेन्द्रकुमारशास्त्रिनिर्मितटिप्पणादिसहितम् ]
सम्पादक
न्यायाचार्य पण्डित महेन्द्रकुमारशास्त्री जैन-प्राचीनन्यायतीर्थ
___सम्पादक-"न्यायकुमुदचन्द्र" न्यायाध्यापक श्री स्याद्वाद जैन महाविद्यालय, भदैनी, बनारस ।
प्रकाशन कर्ता
संचालक-सिंघी जैन ग्रन्थमाला
अहमदाबाद-कलकत्ता
विक्रमान्द १९६६]
प्रथमाति, ७५० प्रति।
[१६३६ क्रिष्टान्द
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