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सिंघी जैन ग्रन्थमाला
जैन आगमिक, दार्शनिक, साहित्यिक, ऐतिहासिक, कथात्मक-इत्यादि विविध विषयगुम्फित
प्राकृत, संस्कृत, अपभ्रंश, प्राचीनगूर्जर, राजस्थानी आदि भाषानिबद्ध बहु उपयुक्त पुरातनवाङ्मय तथा नवीन संशोधनात्मक
साहित्यप्रकाशिनी जैन ग्रंथावलि।
कलकत्तानिवासी स्वर्गस्थ श्रीमद् डालचन्दजी सिंघी की पुण्यस्मृतिनिमित्त तत्सुपुत्र श्रीमान् बहादुरसिंहजी सिंघी कर्तृकं
संस्थापित तथा प्रकाशित ।
सम्पादक तथा सश्चालक
जिनविजय मुनि [सम्मान्य सभासद-भाण्डारकर प्राच्यविद्या संशोधन मंदिर पूना, तथा गुजरात साहित्य
सभा अहमदाबाद; भूतपूर्वाचार्य-गूजरात पुरातत्त्वमन्दिर अहमदाबाद; जैन वाङ्मयाध्यापक विश्वभारती, शान्तिनिकेतन; संस्कृत, प्राकृत, पाली,
प्राचीनगूर्जर आदि अनेकानेक ग्रन्थ संशोधक-सम्पादक । ]
ग्रन्थांक १२
प्राप्तिस्थान
व्यवस्थापक-सिंघी जैन ग्रन्थमाला
अनेकान्त विहार
सिंघी सदन १, शान्तिनगर; पोष्ट साबरमती । (४८, गरियाहाटरोड पो० बालीगंज अहमदाबाद
कलकत्ता स्थापनाब्द] सर्वाधिकार संरक्षित
[वि० सं० १९८६
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