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________________ ४४ व्यावृत्तिमात्रक व्यावृत्तिस्वभाव व्यावृत्त्यनुगमात्मक व्योमादिवत् व्योमादिविशेषसम्बन्धवत् शकट शकटादिज्ञान शकटोदय शक्ति शक्ति प्रतिभासादिभेद शक्तिभेद शक्तिमत् शक्तिविचित्रता शक्तिसंकर शक्य शक्यपरीक्षण शऋ १६. १५, १७. ११२. ९. १०३.७, ९. ५३. २; १०२. १, ३. १७. १४; ८१. १८. १५. १०; १६. २०; २४. २६. शबलाकारज्ञानाभाव ११४. ६. शब्द ( नय) १५.७, ११;२४. २५; १२६. १५. शब्द ३१. २२; ५६. २६ ५८. ४, २८, ५९.८, १२; ७०. २; ७९. १६, १७; ८६. २०, २४; ८७. २८; ९८. २८; १०४. ६; १०७. १२४. २४; १०९. १७, २१, ११५. ३०; २०; १२५. १९. शब्द प्रतिपत्ति शब्दबुद्धि शब्दभाग शब्दमात्र शब्दयोजन शब्दलिंग शब्दविनाशादि शब्दवृत्ति शब्दघटाद्याख्य ८७. ७. शब्दज्ञान १५. १२; १६. ४; २४. २८; २५. ५. शब्दधारा ११८. १४. शब्दनय २४. २४. शब्दनाशित्वसत्त्व ७९. ११. शब्दपर्याय १०९. २२, १२३.२६, २७; १२४. १. शब्दपरिणाम १०४. १३. १५. २८. ६९. २२; १२२. २६. ८८. ४. शब्दव्यवहारबाहुल्याभाव शब्दार्थ शब्दार्थग्रहण शब्दार्थज्ञान शब्दार्थतत्त्वज्ञ शब्दार्थ दृष्टि शब्दार्थं प्रत्यय शब्दार्थविकल्प शब्दार्थसंकेत घी० न्यायवि प्रमाणसंग्रहान्तर्गतानाम् शब्दादिपरिणाम शब्दाद्ययोगविच्छेद शब्दानित्यत्वसाधन ५. २३; १०४.५. ९. २२. २५. २. १६. १५, १७; ४९.५ ७० १९. १२३. १९. ६०. १८. ५७. ६ १०९. २८. १२३. १९. १२१. १९. १२१. २९. १२४. १७. शब्दार्थ सम्बन्ध शब्दादि Jain Education International ८७. १९. ११७. १६. ८७. २७; ११७. ४; १२४. ७. ४७. २२; १०८.३०, १२१.५; १२७.४. ८३. १५, ८९. २६. ५. ३. ५५. २२. ११०.७. ५६. २१; ११७. १. २२. २१. १५. २८; १२४. १५. १२२. २२. ७९. १७. ७५. ९. ७८. ३०. ४. २४. १२४.२०. ७९. २१. १७. १५. ६१. ३. १०१.१० १०५. १२. शरीरादिक २६. ११,१०१.९,१०४.३१२१. २८. शरीरादिपरिणामोपयोगसाधन शरीरस्थितिहेतुत्व ११९. १. १२४. .८. ११८. १४. १०९. २९. शब्दानुयोजन शब्दान्तर शब्दोत्पत्तिविनाश शरण शरीरग्रहण शरीरावयवभेद शरीरावयवसंस्पर्शिनी शशविषाण शष्कुलीभक्षणादि शाखा १४. ११; ४३. २९; ४४. ३; १०३. २५. शान्ति ५१. २. ९४. ४. शाब र शाबलेयादिभेदानन्वय शाबलेयादिवत् ११७. १८. ९४. ७, १११. १५, १७. ९७. २; ११६. ७. ७७.२२; ८०.१४; ८१.१८; ८२. ९, ८६. १५ ९२.४, १४, १०१. ८ ११५. २९, ११६. २९, ११७. २; १२२. १३. ८२. ९, ११६. २९. ८१. १२, १२७. २२. ८५. २८. ८६. १३. १०९. ८. २२. १८. ९८. २४. ९७. ८, १०२. २६. ७७. ८. ३६. ७, ७३. २७. १०. ११, १२. ९८. १५. १४. ३; ४२. १४. ११. १०. १२३. १९. शुद्धाशुद्धद्रव्यपर्यायपरिग्रहविभाग १५. ३०. शून्य २. १०; १४. १८; ४२. ६; १०३. २९. ९०. १५. | शून्यताप्रतिपत्ति ५८. १०. शून्यसंवृतिविज्ञानकथानिष्कलदर्शन १६. १९. १०३. १८. ११५. २२. १४. ११. ४५. २७. १४. २६. शाब्द शाश्वत शासन शास्त्र शास्त्रकार शास्त्रगम्य शास्त्रज्ञान शास्त्रप्रवर्त्तन शास्त्रलिंग शास्त्र वक्तृत्वाभाव शास्त्रार्थज्ञानसंवाद शास्त्रार्थसंग्रह शास्त्रानुमानवत् शिरः पाण्यादिमत्त्वाद्याः शिलाप्लव शिशपा शुक्त्यादि शुद्ध शुद्धद्रव्य शृङ्ग शेषपरावृत्ति शेष प्रलाप शेषवद्धेतु शेष विज्ञान ९३. २५. १२४. ५. १२४. १. For Private & Personal Use Only ७६. ५. १. १३.. www.jainelibrary.org
SR No.002504
Book TitleAkalanka Granthtrayam
Original Sutra AuthorBhattalankardev
AuthorMahendramuni
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1969
Total Pages390
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size21 MB
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