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पूज्यपाद शासनमान्य सुविहित आचार्यदेव आदि
के अभिप्राय
(१)
पू. आ. विजय शान्तिचन्द्रसूरिजी म. ,
.., अहमदाबाद, सारंगपुर आसोज वदी ७ राधनपुर के संघ द्वारा छपाया गया पर्चा झूठ से भरा है उसकी सिद्धि के लिए हमने एक पूर्वापर उदाहरणसहित पर्चा तैयार किया है।
पू. आत्मारामजी तथा आ. वल्लभसूरिजी स्वप्नों की आय को देवद्रव्य में ले जाने की मान्यता रखते थे, ऐसा स्पष्ट प्रमाण पूर्वापर उदाहरणों के साथ इस पर्चे में देने की भावना है । साथ हो साथ सम्मेलन के नियम का भंग पू. आत्मारामजी और आ. वल्लभसूरीजी के नाम पर वे नहीं कर सकते।
लि. पंन्यास सुज्ञानविजय
पू. प्राचार्य कैलास सागरसूरिजी म., सीहोर
आसोज वदी ७ स्वप्नों की आय के विषय में मुनि सम्मेलन का प्रस्ताव निम्न अनुसार है।
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[ स्वप्नद्रव्य; देवद्रव्य