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तमे सिनेमाना शोख बधा अळगा कर्या,
मान्यो मंदिरनो संग तमे साचे जे लई जशे अमरापुरे... तमे. तमे रागीद्वेषी सगाओने अळगा कर्या,
मान्यो सद्गुरुनो साथ तमे साचो जे लई जशे अमरापुरे... तमे. तमे पोचा पोचा बिछानाने अवळा कर्या,
मान्यो भूमिसंथारो तमे साचो जे लई जशे अमरापुरे... तमे. तमे वाहन केरा आधारोने अळगा कर्या,
मान्यो पगनो प्रवास तमे साचो जे लई जशे अमरापुरे... तमे. तमे अंधाराना आवरणो अळगा कर्या,
जल्यो आतमनो दीवो हवे साचो जे लई जशे अमरापुरे... तमे.
कदी जो परिषह रडावे...
(राग : कोई जब तुम्हारा - पूरब और पश्चिम) कदी जो परिषह रडावे मने, अगर जो अनुकूळता हसावे मने, . मारा हृदयमां ऊतरजो, प्रभु ! के घटमाळनी आ गुलामी भूलीने तमोने भजु....
कदी जो परिषह... नजीवा दुःखोनी असर ज्यां पडे, के आकुळव्याकुळ हुं थई जउं, उपालंभ आपुं तमोने कदी, कदी दोष सुखिया जनोने दउं, दुःखो जो अतिशय सतावे मने,
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