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क्यारे बनीशं हं साचो रे संत
क्यारे बनीश हुँ साचो रे संत, क्यारे थशे मारा भवनो रे अंत; लाख चोराशीना चोरे चौटे, भटकी रह्यो छु मारग खोटे;
क्यारे मळशे मुजने मुक्तिनो पंथ ...क्यारे थशे. काळ अनादिनी भूलो छूटे ना, ध[ये मथु तोये पापो खूटे ना;
क्यारे तोडीश ओ.पापोनो तंत ...क्यारे थशे. छ काय जीवनी हुं हिंसा रे करतो, पापो अढारे जरी ना विसरतो;
- मोह मायानो हुं रटतो रे मंत्र ....क्यारे थशे. पतित पावन ओ प्रभुजी उगारो, रत्नत्रयीनो हुं याचक तारो;
. भक्त बनी मारे थावं महंत ...क्यारे थशे.
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तमे मारगडो लई... (राग : हुं तो कागळियां लखी लखी थाकी - लोकगीत) तमे मारगडो लई लीधो साचो, जे लई जशे अमरापुरे,
भले कांटाळो अने-होय काचो, पण लई जशे अमरापुरे... तमे. तमे ठीलापोचा विचारोने अळगा काँ.
को दीक्षानो मनोरथ पाको, जे लई जशे अमरापुरे... तमे. तमे रातालीला वस्त्रोने अळगा कर्या,
. मान्यो वैरागी रंग तमे साचो जे लई जशे अमरापुरे... तमे. तमे सोनाकेरा आभूषणो अळगा कर्या,
मान्यो संयमनो शणगार साचो जे लई जशे अमरापुरे... तमे. तमे खाटीमीठा खाणापीणा अळगा कर्या,
मान्यो तपनो संगाथ तमे साचो जे लई जशे अमरापुरे... तमे.
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