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तुम्ही हो साथी, तुम्ही सहारा,
कोई ना अपना सिवा तुम्हारा तुम्ही हो नैया तुम्ही खेवैया,
तुम्ही हो बंधु सखा तुम्ही हो... जो खील शके ना वो फूल हम है,
तुम्हारे चरणों की धूल हम है दया की दृष्टि सदा ही रखना, ...
तुम्ही हो बंधु सखा तुम्ही हो... तुम्ही हो माता...
गिरनार के निवासी
ग्रिनार के निवासी, नमुं बारबार हुं... आयो शरण तीहारे, प्रभु तार तार तुं... करुणा का हे समंदर तेरी निगाह में, आते ही शांति पाते तेरी पनाह में, ब्रह्मचार सदाचार निर्विकार तुं, आयो शरण... पशुओका पोकार सुना सिर्फ एकबार, छूडा के उनके बंध तुने छोड दिया संसार, अकबार नेमकुमार सुन पुकार तुं (२) आयो शरण... राजुलने किया तुमसे नव नव भवो से प्यार, अखंड सौभाग्य का तुने दे दिया उपहार, देना साथ नेमिनाथ पकड हाथ तुं (२) आयो शरण... बैठे थे जेसे राजुल के आत्मकमल में, वैसे ही बेठ जाना तुं हमारे जीवनमें, हम नावके मुसाफीर ओ जलदी उगार तुं (२) आयो शरण...
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