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तारे द्वारे आवीने
तारे द्वारे आवीने कोई, खाली हाथे जाय ना, करुणा निधान, करुणा निधान...
आ दुनियामां, कोई नथी रे, तुज सरीखो दातार, अपरंपार दया छे ताहरी, तारा हाथ हजार,
तारी ज्योति पामीने कोई, अंधारे अटवाय ना... शरणे आवेलानो साचो, तुं छे रक्षणहार, डगमगती जीवन नैयानो, तुं छे तारणहार, तारे पंथे जनारो कदीये, भवरणमां भटकाय ना...
...खूटे नहीं कदापि अवो, तारो प्रेम खजानो,
मुक्तिनो मारग बतलावे, अवो पंथ मजानो, तारे शरणे जे कोई आवे, रंक पण रही जाय ना...
करुणाना सिंधु प्रभुजी |
(राग : तुं जहां जहां रहेगा मेरा शाया साथ...) करुणाना सिंधु प्रभुजी, दुःख दूर कर अमारा, विनवीओ तने विभुजी, पापो कर दूर अमारा...
तने याद करी प्रभुजी, जे वहे छे मारा आंसु, वसमा विरहनी वातो तने कहे छे मारा आंसु, श्रद्धा छे क्यारेक तुं मळशे लूछवाने मारा आंसु, वीती गया छे प्रभुजी, ओ आशाना जन्म मारा...
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