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कभी वैराग है, कभी अनुराग है, . बदलते है माली, वही बाग है, मेरी चाहत की दुनिया बसे ना बसे, मेरे दिल में बसेरा तेरा चाहिये...
तुज करुणाधारमा
तुज करुणाधारमा हुं, नित्य भीजातो रहूं, पार्श्व शंखेश्वर प्रभुजी, शरण हुं ताएं लहुं... ,
तुं ज छे मारुं जीवन तारा विना चित्त ना ठरे, नाम तारुं हरपल, मारा उरमां धबक्या करे; .
वियोगनी वसमी अवस्था, कीम हुं जीवीत रहुं... तुं वसे छे अटले दूर, हुं अहीं सबड्या करुं, तुं मजेथी म्हालतो, हुं अहीं तहीं भटक्या करुं। प्राण प्यारा नहीं मळे तो, आयखं पूरं का...
.प्रीतडी तारी ने मारी, केटली उमदा हशे; ..
हरघडी तुजने ना भुलुं, केवा ऋणाबंधन हशे; __ मन मनायूँ क्यां सुधी, वियोगमा झुर्या करुं... आंसुओ ओक दिवस मारा, तुजने पीगळावशे, आश छे अवी हृदयमां, अक दि मळवा आवशे; तुज भरोसे छे बाळक, मेथी वधारे शुं कहुं...
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