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डूब रहा है सुखका ये सूरज, गमकी बदरिया है छायी (२) उजड गई है बगिया जीवन की, मन की कली है मुरझाई (२) करे विनंती तुजे तेरे भक्त (२) तुझे तेरे लाल बुलाते है, तेरे दर्शन को तरसे ये नयन (२) तुझे तेरे बाल बुलाते है,
ओक झलक दिखा तुं नेमिनाथ ॥५॥
ओ नेमि तेरे भक्त... ।
(राग : ओ मालिक तेरे बंदे हम...) ओ नेमि तेरे भक्त हम आये है तुम्हारे चरण, . गुण तेरे गाओ, और धर्म बढावे, ताकि भव-भटकें नहीं हम... मैं कबसे भटकता रहा, मोहमाया से झकडा रहा, अब द्वार खडा, डर है लगता, अब तो लेलो हमें तुम शरण, हो दुःखिया के साथ प्रभु, मुझको छिपाओ हृदयमें तुम... गुण तेरे गाओ...१ सारी दुनिया है दुःखी अभी, पुण्य की है ईसमें कमी, . पर तूं जो खडा, है दयाळु बडा, भक्त करे अरजी, तेरी कृपाकी इसमें कमी, सुनले भक्तो की विनंती, गुण तेरे गाओ...२
। अक राजकुमारी रे...
(राग : पीजरे के पंछी रे... - नागमणि) अक राजकुमारी रे, अनो प्रितम पाछो जाय, आशाभरी अनी आंखडीमाथी, आंसु चाल्यां जाय रे,
अनो प्रीतम पाछो जाय...
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