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कल्याणक है जिनके, दीक्षा-नाण-निर्वाणी, हर चोवीसीमें तीनतीन, कहे आगम वाणी,
- अनंतजिन शिवगामी हुओ, औसा ये दातारी... गिरनार...३
झलक दिखा...
(राग : आ लौट के आजा मेरे मीत) ' झलक दिखा... झलक दिखा... झलक दिखा... ओक झलक दिखा तुं नेमिनाथ (२) तुझे तेरे लाल बुलाते है, तेरे दर्शन को तरसे ये नैन (२) तुझे तेरे बाल बुलाते है, .
. ओक झलक दिखा तुं नेमिनाथ... ॥१॥ भक्तो का प्यारा, देवो का दूलारा कितने की आंखो का तारा (२) दुनिया में चमका नेमिनाथ तुं, जैसे शासन का सितारा तेरी आंखे अविकारी नेमिनाथ (२) तुझे तेरे लाल बुलाते है,
ओक झलक दिखा तुं नेमिनाथ ॥२॥ बीच भवर में नैया फंसी है, आकर तुं पार लगा दे (२) तेरे सिवा मेरा कोई नहीं है, आकर गले से लगा दे (२) अब देर ना लगा तुं नेमिनार्थ (२) तुझे तेरे लाल बुलाते है, तेरे दर्शन को तरसे ये नयन (२) तुझे तेरे बाल बुलाते है,
ओक झलक दिखा तुं नेमिनाथ ॥३॥ वैसे तो तुम हो दिलमें हमारे पर आंखे नही मानती (२) अक पल तेरे से इस भव में बिछडकर रहेना नही चाहती (२) घडी घडी तरसाओ ना मित (२) तुझे तेरे लाल बुलाते है, तेरे दर्शन को तरसे ये नयन (२) तुझे तेरे बाल बुलाते है,
ओक झलक दिखा तुं नेमिनाथ ॥४॥
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