SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 190
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ चालो आपणे साथे मळी... राग : आओ बचो तुम्हे दीखाये चालो आपणे साथे मळी सौ, गिरनार गिरि जईओ अ तीरथनी यात्रा करतां, कर्ममल संवि दहिओ जय जय गिरनार जय जय नेमिनाथ जय जय गिरनार जय जय नेमिनाथ... १ ओ गिरिवरे तार्या अनंता, अनंता जिन तिहा तरसे, पापोनुं प्रक्षालन करीने (२) पुण्यकर्म तिहा भरशे, जय जय गिरनार जय जय नेमिनाथ; जय जय गिरनार जय जय नेमिनाथ... २ दीक्षा नाण प्रभु नेमना थाये, शिवसुखने ते तो फरशे, जे अन्नाणी वेगळा वसशे (२) ते तो भवमां भमशे, जय जय गिरनार जय जय नेमिनाथ; जय जय गिरनार जय जय नेमिनाथ... ३ त्रस-थावर जे ओ गिरि फरसे, शिवरमणीने वरशे, ૧૯૧
SR No.002497
Book TitleGirnar Geetganga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemvallabhvijay
PublisherGirnar Mahatirthvikas Samiti
Publication Year2016
Total Pages334
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy