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________________ गिरनार भक्तिधारा गिरनार-नेमिभक्ति गीत... चालो रे... सौ चालो... (राग : बेना रे..) चालो रे... सौ चालो चालो रे... गिरनारे जई आतम निर्मल थाय, भवोभवना पापो दूरे पलाय (२) जे कोई जाय फेरा टळी जाय, भवोभवना पापो दूर पलाय चौद चौद चैत्यो चमकी रह्या छे, गिरनार गिरि शिखरे (२) नेमिवरनी मूरत जोतां, हैयुं पल पल हरखे (२) चालो रे... ___ दर्शन करतां करतां अंतर भी थाय... भवोभवना...१ चालो रे... सौ चालो... दीक्षा-केवल सहसावने रे, पंचमे गढ निर्वाण (२) अनंत जिनना विकल्याणक, शास्त्र वचन प्रमाण (२) चालो रे... घेर बेठां तस ध्यान धरतां, भवचोथे शिवसुख थाय... भवोभव...२ चालो रे... सौ चालो... पापी-अधम अहीं जे कोई आवे, दुर्गति दूर हटावे (२) त्रस-थावर जे गिरिने फरशे, दुष्कर्मोने खपावे (२) चालो रे... ओ गिरिवरनो महिमा मोटो कहेता नावे पार... भवोभव...३ १८०
SR No.002497
Book TitleGirnar Geetganga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemvallabhvijay
PublisherGirnar Mahatirthvikas Samiti
Publication Year2016
Total Pages334
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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