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जनममरण की भूल भूलैया में, मेरा आतम भटक रहा है (२)
तुं ही आकर राह दिखा दै... प्रभु...४ मोहमाया के बंधन तोडो, हे प्रभु अपने चरणो में ले लो इस पापी को तुं ही अपना ले... प्रभु...५ मिथ्यामतमें दरदर भागा, विषय कषायको कभी नहीं त्यागा (२)
____ ज्ञानज्योतिको तुं ही जला दे... प्रभु...६ स्वर्णगिरि की गोदमें आकर, बिनती करे हेम चरणोका चाकर (२)
इस आतमको सिद्ध बना दे... प्रभु...७
आतमजीने आ खोळीयु....
- (राग : पंखीडाने आ पीज...) आतमजीने आ खोळीयुं, बंधन बंधन लागे, धणुंय मथे पण आतम, मुक्ति पद न पामे... आतमजी....१
मनोरथ कीधां अणे, आतम अजवाळवा, भगीरथ कर्या प्रयासो, सिद्धे सिधावा,
मुक्ति पुरीओ जावा, तलप अने लागी...२ नरक तिर्यंचनी, गतिमां पटकायो, देव-मनुज भवे, मोहमायामां सपडायो,
जागृत थइने हवे, धर्मना रंगे म्हाले...३ राग अने द्वेषना, पाशमा फसायो, क्रोधने माननी, ज्वाळामां झडपायो,
__ तपना तापे तपीने, हेम सम मारे थावं....४
ARRARAM
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