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नेम निरंजन नाथ हमारा, अम नयनोना तारा, बाळक तुम भक्तिने माटे, रडतो आंसुधार... अरजी ५ परदुःख भंजन नाथ निरंजन, जगपालक किरतार, ज्ञानविमल कहे, भवसिन्धुथी, मुजने पार उतार... अरजी ६
(१३) नेम प्रभुना
लागी;
सगः अमी भरेली नजरू राखो... नेम प्रभुना चरण कमळनी लगनी अमने भर जोबनमां राजुल जेवी रमणी जेणे त्यागी... नेम... १ कृष्णदेवनी सघळी नारी, मनहरनारी कामणगारी; विवाहनी वातो उच्चारी, मन डोलावा लागी... नेम... २ पशुओनी सुणीने वाणी, दया अतिशय दिलमां आणी; गिरनारे जइ संयमधारी, माया ममता त्यागी...३ पाछळ आवी राजुल नारी, पूर्व जन्मथी छे संस्कारी; तेने पण आपे त्यां तारी, भवनी भावठ भागी... ४ रोमरोममां निर्विकारी, अमने आपो बुद्धि सारी; श्याम जीवनमां झळहळकारी, निर्मळ ज्योति जागी... ५
(१४) नेमजी कागल
रागः मेरा जीवन कोरा कागझ नेमजी कागल मोकले, निशदिन राजुल हाथ, हवे अमे संयम लेइशुं तमे चालो अमारी साथ ॥१॥ अमे छीए गढ गिरनारमां सुंदर सहेसारे वन तिहां तमे व्हेला पधारजो, जो होय संयमनो मन || २ ||
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