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साधना में बाधक है तो साधक भी है
हमारा मन
प्रवचन सार
जब ये मन वासना
में
डूबा
होता है तो बंधन
का कारण बन जाता है
और जब उपासना
में लग जाता है तो यही मुक्ति का द्वार बन जाता है।
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इस मन रूपी दुष्ट घोड़े को ज्ञान की लगाम से काबू करो। फिर ये बुराईयों से हटकर अच्छाईयों की राह पर चलने लगेगा।
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