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तर सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र
द्वितीय अध्ययन [26]
Whatever place he gets, good or bad, comfortable or uncomfortable but free of disturbance (of women, animals and eunuchs), he should stay there thinking that what harm just one night-stay can cause him. (23) १२. आक्रोश परीषह
अक्कोसेज्ज परो भिक्खु, न तेसिं पडिसंजले। सरिसो होइ बालाणं, तम्हा भिक्खू न संजले॥२४॥ सोच्चाणं फरुसा भासा, दारुणा गाम-कण्टगा।
तुसिणीओ उवेहेज्जा, न ताओ मणसीकरे ॥ २५॥ यदि कोई भिक्षु को दुर्वचन कहे तो भी भिक्षु उस पर आक्रोश न करे। क्रोधी तो मूर्ख अज्ञानियों के समान होता है-यह सोचकर कभी क्रोध न करे ॥ २४ ॥
शूल के समान कर्णकटु असत्य, कठोर और कानों में काँटे की तरह चुभने वाला अप्रिय शब्द सुनकर मुनि मौन रहकर उनकी उपेक्षा कर दे। उनके प्रति मन में भी क्रोध न करे ॥ २५ ॥ 12. Aakrosh-parishaha (Insult related affliction)
Even when someone abuses an ascetic, the ascetic should not be furious at him. Considering that an angry person is like a foolish ignorant, he should never be angry. (24) ____Hearing thorn-like piercing, false, harsh and ear-pinching words, an ascetic should remain silent and give no heed to them. He should also avoid mental agitation. (25) १३. वध परीषह
हओ न संजले भिक्खू, मणं पि न पओसए। 'तितिक्खं परमं नच्चा, भिक्खु-धम्म विचिंतए॥२६॥
समणं संजयं दन्तं, हणेज्जा कोई कत्थई।
'नत्थि जीवस्स नासु' त्ति, एवं पेहेज्ज संजए॥२७॥ लाठी आदि से मारे-पीटे जाने पर भी भिक्षु क्रोध में संतप्त न हो, अपने मन को भी दूषित न करे, क्षमा को साधना का श्रेष्ठ अंग जानकर मुनि-धर्म का चिन्तन करे॥२६॥
संयमी और इन्द्रियविजयी साधु को यदि कोई व्यक्ति कहीं मारे-पीटे, प्रहार करे, घात करे तो भिक्षु यह विचार करे कि आत्मा का नाश तो होता ही नहीं ॥ २७॥ . 13. Vadh-parishaha (Punishment related affliction)
Even on being beaten by sticks or the like an ascetic should not burn with anger, neither should he allow this to malign his mind. Considering forgiveness to be the best part of spiritual practice, he should ponder over the ascetic-code. (26)
If any person beats, hurts or tries to kill an ascetic who is restrained and victor of senses, then the ascetic should think that soul is indestructible. (27)