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सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र
षट्त्रिंश अध्ययन [556]
The maximum life-span of gods in fifth Graiveyak area is twenty-seven Sagaropam and the minimum is twenty-six Sagaropam. (238)
सागरा अट्ठवीसं तु, उक्कोसेण ठिई भवे।
छट्ठम्मि जहन्नेणं, सागरा सत्तवीसई॥२३९॥ छठे ग्रैवेयकवासी देवों की उत्कृष्ट आयुस्थिति अट्ठाईस (२८) सागरोपम की और जघन्य आयुस्थिति सत्ताईस (२७) सागरोपम की होती है॥ २३९॥
The maximum life-span of gods in sixth Graiveyak area is twenty-eight Sagaropam and the minimum is twenty-seven Sagaropam. (239)
सागरा अउणतीसं तु, उक्कोसेण ठिई भवे।
सत्तमम्मि जहन्नेणं, सागरा अट्ठवीसई॥२४०॥ सातवें ग्रैवेयकवासी देवों की उत्कृष्ट आयुस्थिति उन्तीस (२९) सागरोपम की और जघन्य आयुस्थिति अट्ठाईस (२८) सागरोपम की होती है॥ २४०॥
The maximum life-span of gods in seventh Graiveyak area is twenty-nine Sagaropam and the minimum is twenty-eight Sagaropam. (240)
तीस तु सागराइं, उक्कोसेण ठिई भवे।
अट्ठमम्मि जहन्नेणं, सागरा अउणतीसई ॥२४१॥ आठवें ग्रैवेयकवासी देवों की उत्कृष्ट आयुस्थिति तीस सागरोपम की और जघन्य आयुस्थिति उन्तीस (२९) सागरोपम की होती है॥ २४१ ॥
The maximum life-span of gods in eighth Graiveyak area is thirty Sagaropam and the minimum is twenty-nine Sagaropam. (241)
सागरा इक्कतीसं तु, उक्कोसेण ठिई भवे।
नवमम्मि जहन्नेणं, तीसई सागरोवमा॥२४२॥ नौवें ग्रैवेयकवासी देवों की उत्कृष्ट आयुस्थिति इकत्तीस (३१) सागरोपम की और जघन्य आयुस्थिति तीस सागरोपम की होती है॥ २४२॥
The maximum life-span of gods in ninth Graiveyak area is thirty-one Sagaropam and the minimum is thirty Sagaropam. (242)
तेत्तीस सागरा उ, उक्कोसेण ठिई भवे।
चउसुं पि विजयाईसुं, जहन्नेणेक्कतीसई॥२४३॥ विजय आदि चार अनुत्तर विमान विजय, वैजयन्त, जयन्त, अपराजित वासी देवों की उत्कृष्ट आयुस्थिति तेतीस सागरोपम की और जघन्य आयुस्थिति इकत्तीस सागरोपम की होती है॥ २४३॥ ___The maximum life-span of gods in the four Anuttar celestial vehicles (Vijaya, Vaijayant, Jayant and Aparaajit) is thirty-three Sagaropam and the minimum is thirtyone Sagaropam. (243)