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सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र
Is immune to consequences, is ferocious and does not subdue his senses, - a man having these symptoms (attributes and habits) is said to have been turned into one having black soul-complexion. (22)
चतुस्त्रिंश अध्ययन [ 486 ]
इस्सा - अमरिस- अतवो,
अविज्ज-माया अहीरिया य। गेद्धी पओसे य सढे, पमत्ते रसलोलुए सायगवेसए य ॥ २३ ॥
जो ईर्ष्या करने वाला है, अमर्ष ( हठाग्रही - कदाग्रही असहिष्णु) है, अतपस्वी ( अथवा अनुशासनहीन) है, अवधियुक्त (अज्ञानी अथवा मिथ्यात्वी) है, मायावी है, निर्लज्ज है, विषयों में गृद्ध है, प्रद्वेषी है, प्रमादी (असावधान, आलसी) है, शठ अथवा धूर्त्त है, रस का लोलुपी है, सुख का गवेषक (सिर्फ अपनी ही सुख-सुविधा का अभिलाषी ) है - ॥ २३ ॥
A man, who is envious, haughty (dogmatic, prejudiced, intolerant), non-austere (undisciplined), ill educated ( ignorant or unrighteous ), deceitful, shameless, obsessed with sensual pleasures, hateful, under stupor (careless and lethargic), stupid or fraudulent, infatuated with taste, selfish pleasure seeker - (23)
आरम्भाओ अविरओ, खुद्दो साहस्सिओ नरो । एयजोगसमाउत्तो, नीललेसं तु परिणमे ॥ २४ ॥
आरम्भ (हिंसा आदि) से अविरत है, क्षुद्र है, दुःसाहसी है - इन योगों (लक्षणों) से युक्त मनुष्य नीललेश्या में परिणत होता है (नीललेश्या के परिणाम वाला होता है) ॥ २४ ॥
Does not avoid sinful activities (including violence), mean or niggardly and arroganta man having these symptoms (attributes and habits) is said to have been turned into one having blue soul-complexion. (24)
वंके वंकसमायारे, नियडिल्ले
अणुज्जुए। पलिउंचग ओवहिए, मिच्छदिट्ठी अणारिए ॥ २५ ॥
जो मनुष्य वक्र है (मन-वचन से वक्र है), वक्रता का आचरण करता है, कुटिल-कपटी है, सरल नहीं है, प्रतिकुंचक (अपने दोषों को छिपाने वाला) है, औपधिक (छल-छद्म का प्रयोग करने वाला) है, मिथ्यादृष्टि है, अनार्य है - ॥ २५ ॥
A man, who is crooked (dishonest in mind and words), has wily conduct, is deceitfully cunning, not simple, conceals his own faults, is disguiseful, unrighteous, ignoble- (25)
उफ्फालग - दुट्ठवाई य, तेणे यावि य मच्छरी । एयजोगसमाउत्तो, काउलेसं तु परिणमे ॥ २६ ॥
उत्प्रासक (अश्लील मजाक करने वाला) है, दुष्ट वचन बोलने वाला है, चोर है और मत्सर ( डाह करने वाला) है - इन योगों (लक्षण) से युक्त जीव कापोत लेश्या में परिणत होता है॥ २६ ॥
Indulges in erotic sarcasm, uses harsh speech, is a thief and is jealous- a man having these symptoms (attributes and habits) is said to have been turned into one having reddish blue soul-complexion. (26)