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[407 ] त्रिंश अध्ययन
सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र
जिस प्रकार कोई महासरोवर के जल आने के मार्गों को रोक देने और पूर्व संचित जल को उलीचने तथा सूर्य ताप के कारण से सूख जाता है- ॥५॥
As a great lake dries up due to heat of sunrays when all sources of inflow of water are blocked and water already collected earlier is drained out-(5)
___एवं तु संजयस्सावि, पावकम्मनिरासवे।
भवकोडीसंचियं कम्म, तवसा निज्जरिज्जई॥६॥ उसी प्रकार संयत के भी पापकर्मों को निराम्रव (नये कर्मों का आगमन द्वार बन्द) कर देने से करोड़ों जन्मों के संचित कर्म तप से निर्जरित (नष्ट) हो जाते हैं॥६॥
In the same way by blocking the inflow of karmas, the already accumulated karmas from millions of rebirths are destroyed by heat of austerities of a restrained ascetic. (6)
.. सो तवो दुविहो वुत्तो, बाहिरब्भन्तरो तहा।
. बाहिरो छव्विहो वुत्तो, एवमब्भन्तरो तवो॥७॥ वह तप दो प्रकार का कहा गया है-(१) बाह्य, और (२) आभ्यन्तर । बाह्य तप छह प्रकार का कहा गया है। इसी प्रकार आभ्यन्तर तप भी छह प्रकार का ही है॥ ७॥
That austerity is of two kinds-1. external (baahya), and 2. internal (abhyantar). External austerity is of six types and internal austerity is also of six types. (7)
अणसणमूणोयरिया, भिक्खायरिया य रसपरिच्चाओ।
कायकिलेसो संलीणया, य बज्झो तवो होइ॥८॥ (१) अनशन, (२) ऊनोदरी, (३) भिक्षाचर्या, (४) रस-परित्याग, (५) कायक्लेश, और (६) संलीनता-ये छह बाह्य तप हैं॥८॥
1. Fasting (anashan), 2. eating less than full meal (unodari), 3. alms-seeking (bhikshacharya), 4. renouncing of taste (dainty food; rasa-parityag), 5. mortification of body (kayaklesh), and 6. reclusive living (samlinata)-these are six external austerities. (8)
इत्तरिया मरणकाले, दुविहा अणसणा भवे।
इत्तरिया सावकंखा, निरवकंखा बिइज्जिया॥९॥ (१) इत्वरिक, और (२) मरणकाल-ये अनशन तप के दो प्रकार हैं। इत्वरिक तप सावकांक्ष (अनशन के निर्धारित समय के बाद भोजन की आकांक्षा सहित) होता है और मरणकाल अनशन निरवकांक्ष (भोजन की आकांक्षा (इच्छा) से सर्वथारहित) होता है॥९॥
Austerity of fasting is of two types-1. itvarik (temporary fasting for a specific period), and 2. Maran-kaal (fasting till death). Temporary austerity is with a desire (for food after the determined period is over) and fasting till death is desire-free (no desire for food at all). (9)
जो सो इत्तरियतवो, सो समासेण छव्विहो। सेढितवो पयरतवो, घणो य तह होइ वग्गो य॥१०॥