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[331] षड्विंश अध्ययन
सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र
(२) उपाश्रय में प्रवेश करते समय 'निसीहियं' शब्द का उच्चारण करना नैषेधिकी सामाचारी
है।
(३) अपने कार्य के लिए गुरु से आज्ञा लेना आपृच्छना सामाचारी है।
(४) दूसरों के कार्य के लिए गुरु से आज्ञा लेना प्रतिपृच्छना सामाचारी है ॥ ५ ॥
1. To utter the word 'Aavassiya' while going out of the room ( lodging place) is Aavashyaki Samaachaari.
2. To utter the word 'Nisihiyam' while entering the lodging place is Naishedhiki Samaachaari.
3. To seek permission for himself for any and all acts from the guru is Aaprichchhana Samaachaari.
4. To seek permission for others for any and all acts from the guru is Pratiprichchhana Samaachaari. (5)
छन्दणा दव्वजाएणं, इच्छाकारो य सारणे । मिच्छाकारो य निन्दाए, तहक्कारो य पडिस्सुए ॥ ६ ॥
(५) पूर्व में ग्रहण किये हुए द्रव्यों के लिए गुरु आदि को आमन्त्रित करना छन्दना सामाचारी
है।
(६) दूसरों का कार्य अपनी सहज रुचि से करना तथा अपना कार्य करने के लिए अन्यों को उनकी इच्छानुसार नम्र निवेदन करना (सारणा ) इच्छाकार सामाचारी है।
(७) दोष की निवृत्ति के लिए आत्म-निन्दा, गर्हा करना मिथ्याकार सामाचारी है।
(८) गुरुजनों के उपदेश को तथारूप में स्वीकार करना तथाकार सामाचारी है ॥ ६ ॥
5. To invite the guru and others for sharing things already acquired is Chhandana Samaachaari.
6. To do work of others voluntarily and to humbly request others for one's own work if they wish to do so is Ichchhaakaar Samaachaari.
7. To indulge in, self-criticism for faults committed is Mithyaakaar Samaachaari. 8. To accept the preaching of seniors the way they have conveyed is Tathaakaar Samaachaari. (6)
अब्भुट्ठाणं गुरुपूया, अच्छणे उवसंपदा । एवं दु-पंच-संजुत्ता, सामायारी पवेइया ॥ ७ ॥
(९) गुरुजनों के सत्कार के लिए अपने आसन से उठकर खड़े हो जाना अभ्युत्थान सामाचारी
है।
(१०) किसी विशेष प्रयोजन से किसी अन्य आचार्य के पास रहना उपसम्पदा सामाचारी है। इस तरह दश प्रकार की सामाचारी का प्रतिपादन किया गया है ॥ ७ ॥