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सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र
षड्विंश अध्ययन [ 330]
छबीसइमं अज्झयणं : सामायारी
षड्वंश अध्ययन : सामाचारी | Chapter-26 : THE RIGHT SYSTEM OF
ASCETIC BEHAVIOUR
सामायारि पवक्खामि, सव्वदक्खविमोक्खणिं।
जं चरित्ताणं निग्गन्था, तिण्णा संसारसागरं ॥१॥ मैं उस सामाचारी का कथन करता हूँ जो सभी दुःखों से मुक्त कराने वाली है और जिसका आचरण करके अनेक निर्ग्रन्थ संसार-सागर को तैर गये हैं॥१॥
I state the right system of ascetic behaviour (samaachaari), which leads to freedom from all misery and following which many ascetics have gone across the ocean of worldly existence.
पढमा आवस्सिया नाम, बिइया य निसीहिया। आपुच्छणा य तइया, चउत्थी पडिपुच्छणा ॥२॥ पंचमा छन्दणा नाम, इच्छाकारो य छट्ठओ। सत्तमो मिच्छकारो य, तहक्कारो य अट्ठमो॥३॥ अब्भुट्ठाणं नवम, दसमा उवसंपदा।
एसा दसंगा साहूणं, सामायारी पवेइया॥४॥ दश सामाचारी
(१) आवश्यकी, (२) नैषेधिकी, (३) आपृच्छना, (४) प्रतिपृच्छना ॥२॥ .. (५) छन्दना, (६) इच्छाकार, (७) मिथ्याकार, (८) तथाकार ॥३॥
(९) अभ्युत्थान, (१०) उपसम्पदा। इस प्रकार यह दश अंगों वाली साधुओं की सामाचारी प्रतिपादित की गई है॥ ४॥ Ten limbed samaachaari
1. Avashyaki, 2. Naishedhiki, 3. Aaprichchhana, 4. Pratiprichchhna (2) 5. Chhandana, 6. Ichchhaakaara, 7. Mithyaakaara, 8. Tathaakaara (3)
9. Abhyutthaana, and 10. Upsampada (aasevana-shiksha)-This ten-limbed correct system of behaviour has been prescribed for ascetics. (4)
गमणे आवस्सियं कुज्जा, ठाणे कुज्जा निसीहियं ।
आपुच्छणा सयंकरणे, परकरणे पडिपुच्छणा॥५॥ (१) उपाश्रय अथवा अपने स्थान से बाहर निकलते-जाते समय 'आवस्सिय' का उच्चारण करना आवश्यकी सामाचारी है।