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सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र
महाराज ! मेरी माता, मेरे प्रति मोह के कारण पीड़ित रहती थी; लेकिन वह भी मुझे मेरे दुःख से मुक्त न कर सकी; यह मेरी अनाथता है ॥ २५ ॥
O king! My mother always was suffering due to her love for me but she also failed to free me from my misery. This was my state of being without any guardian. (25) भायरो मे महाराय !, सगा - कणिट्ठगा । न य दुक्खा विमोयन्ति, एसा मज्झ अणाहया ॥ २६ ॥
[253] विंशति अध्ययन
महाराज! मेरे सगे छोटे-बड़े भाई भी मुझे दुःख से छुटकारा न दिला सके; यह मेरी अनाथता है॥ २६ ॥
O king! My own younger and elder brothers also could not help rid me of my pain. That is how I was without a protector. (26)
भइणीओ मे महाराय !, सगा जेट्ठ- कणिट्ठगा । न य दुक्खा विमोयन्ति, एसा मज्झ अणाहया ॥ २७ ॥
• महाराज ! मेरी छोटी-बड़ी सगी बहनें भी मुझे मेरे दुःख से त्राण न दिला सर्की; यह मेरी अनाथता है॥ २७ ॥
O king! My own younger and elder sisters too could not make me free from my pain. Thus I was without a protector. ( 27 )
भारिया मे महाराय !, अणुरत्ता अणुव्वया । अंसुपुण्णेहिं नयणेहिं, उरं मे परिसिंई ॥ २८ ॥
महाराज ! मुझमें अनुरक्त मेरी पतिव्रता पत्नी मेरे वक्षस्थल पर सिर रखकर आँसुओं से मेरे हृदय को भिगोती रहती थी ॥ २८ ॥
O king! My chaste and devoted wife, keeping her head on my chest moistened it by shedding tears. (28)
अन्नं पाणं च हाणं च गन्ध-मल्ल - विलेवणं । म नायमणायं वा, सा बाला नोवभुंजई ॥ २९ ॥
मेरी वह नवयुवती पत्नी मेरी जानकारी में या परोक्ष में अन्न, पान, स्नान, विलेपन, गंध-माल्य आदि का प्रयोग (उपभोग) नहीं करती थी ॥ २९ ॥
With or without my knowledge that young wife of mine, ceased to indulge in eating, drinking, bathing and using pastes, perfumes, garlands and other beauty aids. ( 29 )
खणं पि मे महाराय !, पासाओ वि न फिट्टई । न य दुक्खा विमोएइ, एसा मज्झ अणाहया ॥ ३० ॥
वह एक क्षण के लिए भी मुझसे अलग नहीं होती थी । फिर भी हे महाराज ! वह मुझे मेरी वेदना से मुक्त न कर सकी, यही मेरी अनाथता है ॥ ३० ॥