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र सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र
एकादश अध्ययन [118]
जहा से नगाण पवरे, सुमहं मन्दरे गिरी।
नाणोसहिपज्जलिए, एवं हवइ बहुस्सुए॥ २९॥ जैसे अनेक प्रकार की औषधियों से दीप्त, महान् मन्दरगिरि-मेरु पर्वत सभी पर्वतों में श्रेष्ठ माना जाता है, उसी तरह बहुश्रुत भी श्रेष्ठ माना जाता है॥ २९॥
As Mandaara Giri (Meru) mountain, opulent with many kinds of herbs is believed to be the best among all mountains, so is an accomplished scholarly ascetic (among ascetics). (29)
जहा से सयंभूरमणे, उदही अक्खओदए।
नाणारयणपडिपुण्णे, एवं हवइ बहुस्सुए॥३०॥ जिस प्रकार अक्षय जल से भरा-पूरा तथा अनेक रत्नों से परिपूर्ण स्वयंभूरमण समुद्रं श्रेष्ठ है, उसी प्रकार बहुश्रुत भी श्रेष्ठ ज्ञान रत्नों से परिपूर्ण होता है॥ ३० ॥
As the Swayambhu Ramana sea, filled with endless water and an inexhaustible source of many kinds of gems is best among seas, so is an accomplished scholarly. ascetic (among ascetics), a source of numerous gems of knowledge. (30)
समुद्दगम्भीरसमा दुरासया, अचक्किया केणइ दुप्पहंसया।
सुयस्स पुण्णा विउलस्स ताइणो, खवित्तु कम्मं गइमुत्तमं गया॥३१॥ . सागर जैसे गम्भीर, कष्टों से अबाधित (दुरासद), किसी से भी पराजित न होने वाले, अविचलित, विपुल श्रुतज्ञान से परिपूर्ण, छह काय के रक्षक, बहुश्रुत कर्मों का क्षय करके उत्तम गति को प्राप्त करते हैं ॥ ३१ ॥
The accomplished scholarly ascetics (bahushrut), ocean-like serene, unimpeded by difficulties, invincible, unwavering, endowed with unlimited knowledge, protectors of six classes of living beings, shed all their karmas and attain supreme state of perfection (liberation). (31)
तम्हा सुयमहिट्ठिज्जा, उत्तमट्ठगवेसए। जेणऽप्पाणं परं चेव, सिद्धिं संपाउणेज्जासि ॥३२॥
-त्ति बेमि। इसलिए उत्तम अर्थ के गवेषक, मोक्ष की इच्छा रखने वाले मुमुक्षु श्रुत का अध्ययन करें जिससे वे स्वयं भी मुक्त हो सकें तथा अन्यों को भी सिद्धि-मुक्ति प्राप्त करा सकें॥ ३२॥
-ऐसा मैं कहता हूँ। Therefore the seekers of noble meaning and aspirants craving liberation should study the canon, so that they may attain liberation and be helpful to others in attaining the same. (32)
-Sol say.