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[उ.] गोयमा ! अत्थेगइया सव्वदव्वा पंचवण्णा जाव अट्ठफासा पन्नत्ता । अत्थेगइया सव्वदव्वा पंचवण्णा जाव चउफासा पन्नत्ता । अत्थेगइया सव्वदव्वा एगवण्णा एगगंधा एगरसा दुफासा पन्नत्ता । अत्थेगइया सव्वदव्वा अवण्णा जाव अफासा पन्नत्ता ।
३३. [प्र.] भगवन् ! सभी द्रव्य कितने वर्णादि वाले हैं?
[उ.] गौतम! सभी द्रव्यों में से कुछ (द्रव्य) पाँच वर्ण यावत् (पाँच रस, दो गन्ध और )
आठ स्पर्श वाले हैं। सर्वद्रव्यों में से कुछ (द्रव्य) पाँच वर्ण यावत् (पाँच रस, दो गन्ध और) चार स्पर्श वाले हैं। सर्वद्रव्यों में से कुछ (द्रव्य) एक वर्ण, एक गन्ध, एक रस और दो स्पर्श वाले हैं। सर्वद्रव्यों में से कुछ (द्रव्य) वर्ण, गन्ध, रस और स्पर्श से रहित हैं।
33. [Q.] Bhante ! Of how many colours etc. are all substances (dravyas) ?
[Ans.] Gautam ! Of all substances (dravyas) some have five colours... and so on up to... eight touches. Of all substances (dravyas) some have five colours... and so on up to... four touches. Of all substances (dravyas) some have one colour, one smell, one taste and two touches. Of all substances (dravyas) some are devoid of attributes of colour, smell, taste and touch.
३४. एवं सव्वपएसा वि, सव्वपज्जवा वि ।
[३४] इसी प्रकार (सभी द्रव्य के समान) सभी प्रदेश और समस्त पर्यायों के विषय में भी कथन करना चाहिए ।
34. The same (like all substances) is true also for all space-points (pradeshas) and all modes (paryaayas).
३५. तीयद्धा अवण्णा जाव अफासा पन्नत्ता । एवं अणागयद्धा वि । एवं सव्वद्धा वि । [३५] अतीत काल वर्ण रहित यावत् स्पर्शरहित है। इसी प्रकार अनागतकाल और समस्त काल भी वर्णादि-रहित हैं ।
35. The past time (ateet kaal) is devoid of colour and so on up to .... touch. The same is also true for future time (anaagat kaal) and all time (sarvaddha).
विवेचन - धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय, आकाशास्तिकाय, भावलेश्याएँ, साकार - निराकार उपयोग, अतीत-अनागत आदि सब काल, सर्वद्रव्यों में कुछ ( धर्मास्तिकायादि) द्रव्य, उनके ( अमूर्त्त द्रव्य के )
प्रदेश एवं पर्याय तथा सम्यग्दृष्टि से लेकर परिग्रह संज्ञा तक वर्ण- गन्ध-रस-स्पर्श रहित हैं, क्योंकि ये
सभी अमूर्त तथा जीव परिणाम हैं।
भगवती सूत्र (४)
(342)
Bhagavati Sutra (4)
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