SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 240
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 8555555555555555555555555555555555558 म ३७. तए णं तीसे पभावईए देवीए अंगपडियारियाओ पभावई देविं पसूयं जाणेत्ता जेणेव बले राया तेणेव उवागच्छंति, उवा. २ करयल जाव बलं रायं जएणं विजएणं ॐ वद्धावेंति, ज. व. २ एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया! पभावई देवी नवण्हं मासाणं है बहुपडिपुण्णाणं जाव दारयं पयाया, तं एयं णं देवाणुप्पियाणं पियट्ठयाए पियं निवेदेमो, + पियं ते भवउ। [३७] पुत्र जन्म होने पर प्रभावती देवी की अंग-परिचारिकाएँ (सेवा करने वाली दासियाँ) प्रभावती देवी को प्रसूता जानकर बल राजा के पास आईं और हाथ जोड़कर उन्हें जय-विजय के ॐ शब्दों से बधाया। फिर उन्होंने राजा से इस प्रकार निवेदन किया-हे देवानुप्रिय! प्रभावती देवी ने नौ महीने और साढ़े सात दिन पूर्ण होने पर यावत् रूपवान बालक को जन्म दिया है। अतः ॐ देवानुप्रिय की प्रीति के लिए हम आपसे यह प्रिय समाचार निवेदन करती हैं। यह आपके लिए ॐ प्रिय हो। 37. Immediately after the birth of the child the attendant maids, realizing that queen Prabhavati has given birth, rushed to King Bal and after formal greetings congratulated him-"O beloved of gods ! At the due hour Queen Prabhavati has given birth to a son. We bring this good news to you for the pleasure of the beloved of gods. May this add to 卐 your happiness.” ३८. तए णं से बले राया अंगपडियारियाणं अंतियं एयमढे सोच्चा निसम्म हट्ठतुटु जाव धाराहयणीव जाव रोमकूवे तासिं अंगपडियारियाणं मउडवज्जं जहामालियं ओमोयं दलयइ, ओ. द. २ सेयं रययामयं विमलसलिलपुण्णं भिंगारं च गिण्हइ, भिं. प. २ मत्थए । धोवइ, म. धो. २ विउलं जीवियारिहं पीइदाणं दलयइ, वि. द. २ सक्कारेइ सम्माणेइ, स. म २ पडिविसज्जेइ। [३८] दासियों से यह प्रिय समाचार सुनकर बल राजा हर्षित एवं सन्तुष्ट हुआ; यावत् मेघ म की धारा से सिंचित कदम्बपुष्प के समान रोमांचित हो गया। राजा ने अपने मुकुट को छोड़कर ॐ धारण किये हुए शेष सभी अलंकार उन अंग-परिचारिकाओं को पारितोषिक के रूप में दे दिये। # फिर सफेद चाँदी का निर्मल जल से भरा हुआ कलश लेकर उन दासियों का मस्तक धोया अर्थात् म उन्हें दासीपन से मुक्त स्वतंत्र कर दिया और आजीविका के योग्य विपुल प्रीतिदान देकर उनका सत्कार-सम्मान किया और उन्हें विदा किया। 38. Hearing this news from maids, King Bal was happy and contented... and so on up to... like a Kadamb flower soaked in showers of 41 rain every pore of his body was exhilarated with joy. Other than his crown, the king gave all the ornaments on his body to the maids as | भगवती सूत्र (४) (190) Bhagavati Sutra (4)
SR No.002493
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 04 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2013
Total Pages618
LanguageHindi, Prakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy