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________________ 0 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 95 95 95 95 95 95 95 9 5 5 5 5 5 95 95 95 95 95 95 95 95 95 955958 फफफफफ 95995959595959595959595959595 5555558 ३२-२. “एवं खलु देवाणुप्पिया! अम्हं सुविणसत्यंसि वायालीसं सुविणा, तीसं महासुविणा, बावत्तरिं सव्वसुविणा दिट्ठा। तत्थ णं देवाणुप्पिया ! तित्थयरमायरो वा चक्कवट्टिमायरो वा तित्थयरंसि वा चक्कवट्टिंसि वा गब्धं वक्कममाणंसि एएसिं तीसाए महासुविणाणं इमे चोद्दस महासुविणे पासित्ताणं पडिबुज्झंति, तं जहा गय वसह सीह अभिसेय दाम ससि दिणयरं झयं कुंभं । पउमसर सागर विमाण-भवण रयणुच्चय सिहिं च ॥१॥ वासुदेवमायरो णं वासुदेवंसि गब्भं वक्कममाणंसि एएसिं चोद्दसहं महासुविणाणं अन्नयरे सत्त महासुविणे पासित्ताणं पडिबुज्झति । बलदेवमायरो बलदेवंसि गब्र्भ वक्कममाणंसि एएसिं चोद्दसहं महासुविणाणं अन्नयरे चत्तारि महासुविणे पासित्ताणं पडिबुज्झति । मंडलियमायरो वा मंडलियंसि गब्भं वक्कममाणंसि एएसिं चोद्दसहं महासुविणाणं अन्नयरं एगं महासुविणं पासित्ताणं पडिबुज्झति । " ३२. [२] “हे देवानुप्रिय! हमारे स्वप्नशास्त्र में बयालीस सामान्य स्वप्न और तीस महास्वप्न, इस प्रकार कुल बहत्तर स्वप्न कहे हैं। तीर्थंकर की माताएँ या चक्रवर्ती की माताएँ, जब तीर्थंकर या चक्रवर्ती गर्भ में आते हैं, तब इन तीस महास्वप्नों में से ये १४ महास्वप्न देखकर जागृत होती हैं। यथा - (१) हाथी, (२) वृषभ, (३) सिंह, (४) अभिषेक की हुई लक्ष्मी, (५) पुष्पमाला, (६) चन्द्रमा, (७) सूर्य, (८) ध्वजा, (९) कुम्भ (कलश), (१०) पद्म-सरोवर, (११) समुद्र, (१२) विमान या भवन, (१३) रत्नराशि और (१४) निर्धूम अग्नि ॥१॥ जब वासुदेव गर्भ में आते हैं, तब वासुदेव की माताएँ इन चौदह महास्वप्नों में से कोई भी सात महास्वप्न देखकर जागती हैं। जब बलदेव गर्भ में आते हैं, तब बलदेव-माताएँ इन चौदह महास्वप्नों में से कोई भी चार महास्वप्न देखती हैं । माण्डलिक राजा जब गर्भ में आते हैं, तब माण्डलिक राजा की माताएँ, इनमें से कोई एक महास्वप्न देखकर जागृत होती हैं। " 32. [2] “O beloved of gods ! According to our scriptures of dreams there are seventy two types of dreams, out of which forty two are known as common dreams and the remaining thirty as great dreams. Sire! When an Arihant or a Chakravarti is conceived, his mother sees fourteen of the thirty great dreams; they are-1. An elephant, 2. a bull, 3. a lion, 4. the anointing of goddess Laxmi, 5. a garland, 6. the moon, 7. the sun, 8. a flag, 9. an urn, 10. lotus pond, 11. the sea, 12. a space vehicle (Vimaan), 13. a heap of jewels, and 14. a smokeless fire. (1) When a Vasudev is conceived his mother sees any seven out of these fourteen dreams. When it is a Baldev in the womb, the mother भगवती सूत्र (४) (184) 85 5 5 5 5 95595959559595 95 95 9595959595595955959595 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 959595959559558 Bhagavati Sutra ( 4 ) 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 50
SR No.002493
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 04 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2013
Total Pages618
LanguageHindi, Prakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size22 MB
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