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२८. एवं वियालगस्स वि। एवं अट्ठासीतीए वि महागहाणं भाणियव्वं जाव भावकेउस्स। 9 नवरं वडेंसगा सीहासणाणि य सरिसनामगाणि। सेसं तं चेव। ॐ २८. इसी प्रकार व्यालक नामक ग्रह के विषय में भी कथन है। इसी प्रकार ८८ महाग्रहों :
के विषय में यावत्-भावकेतु ग्रह तक जानना चाहिए। परन्तु विशेष यह है कि अवतंसकों और सिंहासनों का नाम इन्द्र के नाम के अनुरूप है। शेष सब वर्णन पूर्ववत् है।
28. In the same way repeat the description about the planet called 41 Vyaalak. The same is true for all 88 Mahagrahas up to Bhaavaketu.
The difference being that the names of Avatamsaks and thrones follow the name of the respective god. The remaining description is as mentioned earlier. शक्रेन्द्र तथा लोकपालों का देवी-परिवार GODDESSES OF SHAKRENDRA AND HIS LOKAPAALS
२९. [प्र.] सक्कस्स णं भंते ! देविंदस्स देवरणो० पुच्छा। __ [उ.] अज्जो ! अट्ठ अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा-पउमा १, सिवा २, सेया ३, अंजू ४, अमला ५, अच्छरा ६, नवमिया ७, रोहिणी ८। तत्थ णं एगमेगाए देवीए सोलस की सोलस देवीसहस्सा परियारो पन्नत्तो। पभू णं ताओ एगमेगा देवी अन्नाइं सोलस सोलस के
देवीसहस्सा परियारं विउव्वित्तए। एवामेव सपुव्वावरेणं अट्ठावीसुत्तरं देविसयसहस्सं, से तं म तुडिए।
२९. [प्र.] भगवन्! देवेन्द्र देवराज शक्र की कितनी अग्रमहिषियाँ हैं?
[उ.] आर्यो! (शक्रेन्द्र की) आठ अग्रमहिषियाँ हैं। यथा-(१) पद्मा, (२) शिवा, (३) + श्रेया, (४) अंजू, (५) अमला, (६) अप्सरा, (७) नवमिका और (८) रोहिणी। इनमें से प्रत्येक है देवी (अग्रमहिषी) का सोलह-सोलह हजार देवियों का परिवार कहा गया है। इनमें से प्रत्येक है है देवी सोलह-सोलह हजार देवियों के परिवार की विकुर्वणा कर सकती है। इस प्रकार पूर्वा-पर
सब मिलाकर एक लाख अट्ठाईस हजार देवियों का परिवार होता है। यह एक त्रुटिक (देवियों का है मवर्ग) कहलाता है।
29. [Q.] Bhante ! How many chief consorts does Shakrendra, the king of gods have ?
[Ans.] Noble ones! He (Shakrendra) has eight chief consorts(1) Padmaa, (2) Shiva, (3) Shreya, (4) Anju, (5) Amala, (6) Apsara, (7) Navamika and (8) Rohini. Each one of them has a family of sixteen thousand goddesses. Each of these goddesses (chief consorts) can create
355555555555555555555555555555555555555555555555
दशम शतक: पंचमद्देशक
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Tenth Shatak : Fifth Lesson