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षोडषक प्रतिक्रमण' द्वारा दूर किया जाता है। सूत्रकृताङ्ग के सोलह अध्ययनों की नामावली इस प्रकार है-(1) स्वसमय-परसमय, (2) वैतालीय, (3) उपसर्ग परिज्ञा, (4) वीर्य परिज्ञा, (5) नरक विभक्ति, (6) वीरस्तुति, (7) कुशील परिभाषा, (8) वीर्य, (9) धर्म, (10) समाधि, (11) मोक्षमार्ग, (12) समवसरण, (13) यथातथ्य, (14) ग्रन्थ, (15) आदानीय, एवं (16) गाथा।
सतरह असंयम प्रतिक्रमण : सतरह प्रकार के असंयम की नामावली इस प्रकार है-(1) पृथ्वीकाय असंयम, (2) अप्काय असंयम, (3) तैजस्काय असंयम, (4) वायुकाय असंयम, (5) वनस्पतिकाय असंयम, (6) द्वीन्द्रिय असंयम, (7) त्रीन्द्रिय असंयम, (8) चतुरिन्द्रिय असंयम, (9) पंचेन्द्रिय असंयम, (10) अजीव असंयम, (11) प्रेक्षा असंयम (सजीव स्थान में उठना-बैठना), (12) उत्प्रेक्षा असंयम (गृहस्थों के पापजनक कार्यों का समर्थन करना) (13) प्रमार्जना असंयम (वस्त्र, पात्र आदि की विधि सहित प्रमार्जना न करना, (14) परिष्ठापना असंयम (बिना देखे-पूंजे परठना), (15) मन असंयम, (16) वचन असंयम, एवं (17) काय अंसयम।
उपरोक्त सतरह प्रकार के असंयम का सेवन किया हो, विपरीत श्रद्धा-प्ररूपणा की हो, तो उससे उत्पन्न दोष की निवृत्ति के लिए प्रतिक्रमण किया जाता है।
अब्रह्म प्रतिक्रमण : अब्रह्मचर्य के अठारह भेद इस प्रकार हैं (1-9) वैक्रिय (देव-देवी संबंधी) शरीर संबंधी भोगोपभोगों का मन, वचन एवं काय से स्वयं सेवन करना, दूसरों से सेवन कराना, एवं सेवन करने वालों का समर्थन करना। इसी प्रकार (10-18) औदारिक शरीर (मनुष्य-तिर्यंच) संबंधी भोगों का मन, वचन, काय से स्वयं सेवन करना, दूसरों से सेवन कराना, एवं सेवन करने वालों का समर्थन करना। इस प्रकार अब्रह्मचर्य के वैक्रिय शरीर संबंधी नौ एवं औदारिक शरीर संबंधी नौ, ऐसे कुल अठारह भेदों का समवायांग सूत्र में कथन किया गया
agolesalesaleaderlesdesksdedese sestastroteststatestraastakestakestastestostessestakesisekesalesiastestostedesksksketkestradaste taskskskskaya
उक्त अठारह प्रकार के अब्रह्म का सेवन, चिन्तन, प्ररूपण किया हो तो उससे उत्पन्न दोषों से मैं पीछे लौटता हूं। ___ज्ञाताध्ययन प्रतिक्रमण : अंग आगमों में ज्ञातासूत्र का छठा स्थान है। ज्ञात और धर्मकथा,
ये दो इस आगम के श्रुतस्कंध हैं। प्रथम श्रुतस्कंध-ज्ञात के 19 अध्ययन हैं जिनकी नामावली इस प्रकार है-(1) उत्क्षिप्त ज्ञात, (2) संघाट, (3) अण्ड, (4) कूर्म, (5) शैलक, (6) तुम्ब, (7) रोहिणी, (8) मल्ली, (9) माकन्दी, (10) चन्द्रमा, (11) दावद्रव, (12) उदक, चतुर्थ अध्ययन : प्रतिक्रमण
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