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३९-इहेव जंबुद्दीवे दीवे सत्त वासहरपव्वया पण्णत्ता, तं जहा-चुल्लहिमवंते महाहिमवंते || निसढे नीलवंते रुप्पी सिहरी मन्दरे। इहेव जंबुद्दीवे दीवे सत्त वासा पण्णत्ता, तं जहा-भरहे | हेमवते हरिवासे महाविदेहे रम्मए एरण्णवए एरवए।
जम्बूद्वीप में सात वर्षधर पर्वत कहे गए हैं, यथा – १. क्षुल्लक हिमवंत, २. महाहिमवंत, ३. निषध, || ४. नीलवंत, ५. रुक्मी, ६. शिखरी, ७. मन्दर (सुमेरु पर्वत)। इस जम्बूद्वीप में क्षेत्रों की संख्या सात * बतायी गई है, यथा – १. भरत क्षेत्र, २. हैमवत क्षेत्र, ३. हरिवर्ष क्षेत्र, ४. महाविदेह क्षेत्र, ५. रम्यक क्षेत्र, ६. ऐरण्यवत क्षेत्र, ७. ऐरवत क्षेत्र।
In Jambu Continent seven kinds of Varsdhar (Mountains) are described i.e. 1. Kshulak Himvant, 2. Mahahimvant, 3. Nishadh, 4. Neelvant, 5. Rukmi, 6. Shikhari, 7. Mandar (Sumeru Mountain).The number of regions (Kshetras) are seven in the continent of Jambu i.e. 1. Bharat Kshetra, 2. Himvant Kshetra, 3. HarivarsakKshetra, 4. Mahavideh Kshetra, 5. Ramyak Kshetra, 6. Airanyavat Kshetra, 7. Airavat Kshetra.
४०-खीणमोहेणं भगवया मोहणिजवजाओ सत्त कम्मपगडीओ वेए (ज) ई। ___ बारहवें गुणस्थान में पहुँचकर साधक क्षीण मोह वीतराग मोहनीय कर्म का वेदन नहीं करते हैं। || वे शेष सात कर्मों का वेदन करते हैं।
The seeker having reached in the 12th Gunsthan (spiritual purification) does not experience the Kshin Mohania (delusion subsidence) and the Karmas of unattached delusions (Vitraaga Mohaniya Karmas) as he has destroyed deluding karma. He experiences remaining seven Karmas.
४१-महानक्खत्ते सत्ततारे पण्णत्ते। कत्तिआइआ सत्तनक्खत्ता पुव्वदारिआ पण्णत्ता। | [पाठा०-अभियाइया सत्त नक्खत्ता]। महाइया सत्त नक्खत्ता दाहिणदारिआ पण्णत्ता।
अणुराहाइआ सत्त नक्खत्ता अवरदारिआ पण्णत्ता। धणिट्ठाइया सत्त नक्खत्ता उत्तरदारिआ पण्णत्ता। ___मघा, कृत्तिका, अनुराधा, धनिष्ठा नक्षत्रों के सात-सात तारे व नक्षत्र कहे गए हैं। जिनमें कृत्तिका आदि सात नक्षत्र पूर्व दिशा की ओर द्वार वाले कहे गए हैं। जबकि पाठान्तर के अनुसार अभिजित् ।। आदि सात नक्षत्र पूर्व दिशा की ओर द्वार वाले बताए गए हैं। मघा आदि सात नक्षत्र, अनुराधा आदि सात नक्षत्र तथा धनिष्ठा आदि सात नक्षत्र क्रमशः दक्षिण दिशा की ओर द्वार वाले, पश्चिम दिशा की , ओर द्वार वाले तथा उत्तर दिशा की ओर द्वार वाले कहे गए हैं।
The stars and nakshtras of the Magha, Krittika, Anuradha and Dhanishtha constellations have been told seven each. Out of them the Krittika etc. seven
सातवां समवाय
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Samvayang Sutra