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________________ 编编事事与编写与编写与编写纸编编 अठहत्तरवां समवाय वैश्रमण लोकपाल, स्थविर अकंपित, सूर्य-संचार से दिन रात्रि के वृद्धि ह्रास का नियम । उन्यासीवां समवाय रत्नप्रभा पृथ्वी से वलयामुख पाताल का तथा अन्य पातालों का अन्तर, छठी पृथ्वी और घनोदधि का अन्तर, जम्बूद्वीप के एक द्वार से दूसरे द्वार का अन्तर । अस्सीवां समवाय श्रेयांस जिनकी अवगाहना, त्रिपृष्ठ वासुदेव की अवगाहना, अचल बलदेव की अवगाहना, त्रिपृष्ठ * वासुदेव का राजकाल, अप्-बहुल काण्ड की मोटाई, ईशानेन्द्र के सामानिक देव, जम्बूद्वीप में प्रथम मंडल में सूर्योदय । इक्यासीवां समवाय भिक्षुप्रतिमा, कुन्थु जिन के मनः पर्यवज्ञानी, व्याख्याप्रज्ञप्ति के महायुग्मशत। बयासीवां समवाय सूर्य - संचार, भ. महावीर का गर्भापहरण, महाहिमवन्त एवं रुक्मि पर्वत के सौगंधिक काण्डक अन्तर । 卐 तिरासीवां समवाय भ. महावीर का गर्भापहार, शीतल जिन के गण और गणधर, मंडितपुत्र का आयुष्य, ऋषभ का गृहवासकाल, भरत राजा का गृहस्थकाल । चौरासीवां समवाय नारकावास, ऋषभ जिन का आयुष्य, भरत, बाहुबली, ब्राह्मी और सुन्दरी का आयुष्य, श्रेयांस * जिन का आयुष्य, त्रिपृष्ठ वासुदेव का नरक में उत्पाद, देवेन्द्र शक्र के सामानिक देव, जम्बूद्वीप के बाहर के मंदरों और अंजनक पर्वतों की ऊंचाई, हरिवर्ष एवं रम्यकवर्ष की जीवाओं के धनुः पृष्ठ का परिक्षेप, पंकबहुल काण्ड के चरमान्तों का अन्तर, व्याख्याप्रज्ञप्ति के पद, नागकुमारावास, प्रकीर्णक, 4 जीवयोनियाँ, पूर्वादि संख्याओं का गुणाकार, ऋषभ जिन की श्रमणसम्पदा, विमानावास । * पचासीवां समवाय आचारांग के उद्देशनकाल, धातकीखंड के मंदर, रुचकद्वीप के माण्डलिक पर्वतों की ऊंचाई, नन्दनवन । छियासीवां समवाय सुविधि जिनके गण और गणधर, सुपार्श्व जिन की वादी - सम्पदा, दूसरी पृथ्वी से घनोदधि का अन्तर । 210 211 212 213 213 214 216 219 220 // xxiv // 编编写事编编编编编编编编编编编编编写事事事
SR No.002488
Book TitleAgam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2013
Total Pages446
LanguageHindi, Prakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_samvayang
File Size18 MB
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