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The Tiginchh and Keshari caves each have been said of four thousand yojanas long.
४९३ - धरणितले मंदरस्स णं पव्वयस्स बहुमज्झदेसभाए रुयगनाभीओ चउदिसिं पंच-पंच जोयणसहस्साइं अबाहाए अंतरे मंदरपव्वए पण्णत्ते । ५००० ।
धरणीतल या समभूमिभाग पर मन्दर पर्वत के ठीक मध्य भाग में रुचक नाभि से चारों ही दिशाओं में मन्दर पर्वत पाँच-पाँच हजार योजन के अन्तर वाला है।
The Mandar Mountain at the surface or the (even earth part), in its very middle part, in all the four directions, from Ruchak Nabhi has been said of the distance of five thousand yojanas each.
४९४ - सहस्सारे णं कप्पे छविमाणावाससहस्सा पण्णत्ता । ६०००।
सहस्रार कल्प में छह हजार विमानावास कहे गए हैं।
In Sahsrar kalp the number of the celestial vehicles has been said six thousand.
४९५ - इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए रयणस्स कंडस्स उवरिल्लाओ चरमंताओ पुलगस्स कंडस्स हेट्ठिले चरमंते एस णं सत्त जोयणसहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । ७००० ।
रत्नप्रभा पृथ्वी के रत्नकांड (प्रथमकाण्ड) के ऊपरी चरमान्त भाग से पुलक कांड (सातवाँ काण्ड) का निचला चरमान्त भाग सात हजार योजन के अन्तर वाला कहा गया है।
The extreme end below part of the seventh Kand namely Pulak Kand from the extreme end upper part of 1st Kand namely Ratan Kand of Ratanprabha hell has been said of the distance of seven thousand yojanas.
४९६ - हरिवास-रम्मया णं वासा अट्ठ जोयणसहस्साइं साइरेगाइं वित्थरेणं पण्णत्ता ।
८०००।
'हरिवर्ष और रम्यकवर्ष आठ हजार योजन से कुछ अधिक विस्तार वाले कहे गए हैं।
Harivansh and Ramyak varsh have been said of the expansion of a little more than eight thousand yojanas.
४९७-दाहिणड्ड भरहस्स णं जीवा पाईण-पडीणायया दुहओ समुद्दं पुट्ठा नव जोयणसहस्साइं आयामेणं पण्णत्ता । ९००० ।
[ अजियस्स णं अरहओ साइरेगाइं नव ओहिनाणसहस्साइं होत्था । ]
पूर्व और पश्चिम में समुद्र को स्पर्श करने वाली दक्षिणार्ध भरतक्षेत्र की जीवा नौ हजार योजन
लम्बी कही गई है।
समवायांग सूत्र
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Multidifferential
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