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| छत्तीसवां समवाय
उत्तराध्ययन, चमरेन्द्र की सुधर्मा सभा, महावीर की आर्यिकाएँ, सूर्य की पौरुषी-छाया। | सैंतीसवां समवाय
कुन्थुनाथ के गणधर, हैमवत-ऐरण्यवत की जीवा, विजयादि विमानों के प्रकार, क्षुद्रिका | विमानविभक्ति के उद्देशनकाल, सूर्य की छाया।
अड़तीसवां समवाय ____ पार्श्व जिन की आर्यिकाएँ, हैमवत-ऐरण्यवत की जीवाओं का धनुःपृष्ठ, मेरु के दूसरे काण्ड की '| ऊँचाई, विमानविभक्ति के उद्देशनकाल।
उनतालीसवां समवाय __नमि जिन के अवधिज्ञानी मुनि, नारकावास, कर्मप्रकृतियाँ।
चालीसवां समवाय । अरिष्टनेमि की आर्यिकाएँ, मंदरचूलिका, भूतानन्द के भवनावास, विमानविभक्ति के तृतीय वर्ग
के उद्देशनकाल, सूर्य की छाया, महाशुक्र कल्प के विमानावास। | इकतालीसवां समवाय
नमि जिन की आर्यिकाएँ, नारकावास, महाविमानविभक्ति के प्रथम वर्ग के उद्देशनकाल। बयालीसवां समवाय
महावीर की श्रामण्यपर्याय, आवास पर्वतों का अन्तर, कालोद समुद्र में चन्द्र-सूर्य, भुजपरिसों | की स्थिति, नामकर्म की प्रकृतियाँ, लवणसमुद्र की वेला, विमानविभक्ति के द्वितीय वर्ग के उद्देशनकाल, .
पंचम-षष्ठ आरों का कालपरिमाण। | तेयालीसवां समवाय
कर्मविपाक अध्ययन, नारकावास, धर्म जिन की अवगाहना, मंदर पर्वत का अन्तर, नक्षत्र, | महाविमानविभक्ति के पंचम वर्ग के उद्देशनकाल। ।
चवालीसवां समवाय पैंतालीसवां समवाय छियालीसवां समवाय
दृष्टिवाद के मातृकापद, प्रभंजनेन्द्र के भवनावास।
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