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________________ आठवां समवाय ___ मदस्थान, प्रवचनमाता, वाणव्यन्तरों के चैत्यवृक्ष, जंबू सुदर्शन, कूटशाल्मली, जम्बूद्वीपजगती, केवलिसमुद्घात, पार्श्वनाथ के गण-गणधर, नक्षत्र, स्थिति, श्वासोच्छ्वास, आहार, सिद्धि। नवां समवाय ब्रह्मचर्यगुप्तियाँ, अगुप्तियाँ, ब्रह्मचर्य-अध्ययन, पार्श्वनाथ की अवगाहना, नक्षत्र, तारा-संचार, जम्बूद्वीप में मत्स्यप्रवेश, विजयद्वार, वाण-व्यन्तरों की सुधर्मा सभा, दर्शनावरण की प्रकृतियाँ, स्थिति, श्वासोच्छ्वास, आहार, सिद्धि। दसवां समवाय __ श्रमणधर्म, समाधिस्थान, मन्दर पर्वत, अरिष्टनेमि-अवगाहना, ज्ञानवृद्धिकारी नक्षत्र, कल्पवृक्ष, स्थिति, श्वासोच्छ्वास, आहार, सिद्धि। ग्यारहवां समवाय ___उपासकप्रतिमा, ज्योतिश्चक्र, भ. महावीर के गणधर, मूलनक्षत्र, ग्रैवेयक, मंदर पर्वत, स्थिति श्वासोच्छ्वास, आहार, सिद्धि। बारहवां समवाय . भिक्षुप्रतिमा, संभोग, कृतिकर्म, विजया राजधानी, राम बलदेव, मन्दर-चूलिका, जम्बूद्वीपवेदिका, जघन्य रात्रि-दिवस, ईषत्प्राग्भार पृथ्वी, स्थिति, श्वासोच्छ्वास, आहार, सिद्धि। तेरहवां समवाय ___क्रियास्थान, विमानप्रस्तट, जलचरपंचेन्द्रिय जीवों की कुलकोटि, प्राणायुपूर्व की वस्तु, प्रयोग, | सूर्यमंडल का विस्तार, स्थिति, श्वासोच्छ्वास आहार, सिद्धि। चौदहवां समवाय ____ भूतग्राम, पूर्व, जीवस्थान, भरत-ऐरवत-जीवा, चक्रवर्तीरत्न, महानदी, स्थिति, श्वासोच्छ्वास, आहार, सिद्धि। पंद्रहवां समवाय __परमाधार्मिक देव, नमि अर्हत् की अवगाहना, ध्रुवराहु, नक्षत्र, 15 मुहूर्त के दिन-रात्रि, विद्यानुवादपूर्व के वस्तु, मनुष्य प्रयोग, स्थिति, श्वासोच्छ्वास, आहार, सिद्धि । सोलहवां समवाय गाथाषोडशक, कषाय, मन्दर-नाम, पार्श्व की श्रमणसंपदा, स्थिति, श्वासोच्छ्वास, आहार, सिद्धि। 听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 // xvii // 步步步步步步步步步步步步步步步步步步步为%%%% % % % % % %
SR No.002488
Book TitleAgam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2013
Total Pages446
LanguageHindi, Prakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_samvayang
File Size18 MB
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