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विषयानुक्रमणिका
समवायांग सूत्र पहला समवाय __आत्मा, अनात्मा, दंड, अदंड, क्रिया, लोक, अलोक, धर्म, अधर्म, पुण्य, पाप, बन्ध, मोक्ष,
आस्रव, संवर, वेदना, निर्जरा। पालक यान विमान, सर्वार्थसिद्धविमान, आर्द्रानक्षद्धत्र, चित्रानक्षत्र, स्वातिनक्षत्र, स्थिति, आहार, श्वासोच्छ्वास, सिद्धि।
दूसरा समवाय ____ दंड, राशि, बन्धन, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, पूर्वाभाद्रपदा, उत्तराभाद्रपदा नक्षत्र, स्थिति, श्वासोच्छ्वास, आहार, सिद्धि। तीसरा समवाय ____दंड, गुप्ति, शल्य, गारव, विराधना, मृगशिर-पुष्प-ज्येष्ठा-अभिजित-श्रवण-अश्विनी-भरणी-नक्षत्र, . स्थिति, श्वासोच्छ्वास, आहार, सिद्धि। चौथा समवाय ___ कषाय, ध्यान, विकथा, संज्ञा, बन्ध, अनुराधा-पूर्वाषाढा-उत्तराषाढा नक्षत्र, स्थिति, श्वासोच्छ्वास सिद्धि। पांचवां समवाय
क्रिया, महाव्रत, कामगुण, आम्रवद्वार, संवरद्वार, निर्जरास्थान, समिति, अस्तिकाय, रोहिणीपुनर्वसु-हस्त-विशाखा-धनिष्ठा नक्षत्र, स्थिति, श्वासोच्छ्वास, आहार, सिद्धि।
छठा समवाय __लेश्या, जीवनिकाय, तप, छाद्यस्थिक समुद्घात, अर्थावग्रह, कृत्तिका-आश्लेषा नक्षत्र, स्थिति, श्वासोच्छ्वास, आहार, सिद्धि। सातवां-समवाय
भयस्थान, समुद्घात, भ. महावीर की अवगाहना, वर्षधर पर्वत, वर्ष, कर्मप्रकृतिवेदन, मघानक्षत्र, पूर्व-दक्षिण, पश्चिम-उत्तरद्वारिक नक्षत्र-निरूपण, स्थिति, श्वासोच्छ्वास, आहार, सिद्धि।
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