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The maximum life duration of the hellish beings in the land of Ratanprabha hell has been expounded eighteen Palyopama. Asurkumar (malevolent demons) have the life duration of eighteen Palyopama. The celestial beings of the Sodharma-Ishan and Sahasarar kalp have the maximum life span of eighteen Palyopama and eighteen Sagropama duration respectively. ___ १३२-आणए कप्पे देवाणं अत्थेगइयाणं जहण्णेणं अट्ठारस सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता। जे देवा कालं सुकालं महाकालं अंजणं रिष्टुं सालं समाणं दुमं महादुमं विसालं सुसालं पउमं पउमगुम्मं कुमुदं कुमुदगुम्मं नलिणं नलिणगुम्मं पुंडरीअं पुंडरीयगुम्मं सहस्सारवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं अट्ठारस सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता। ते णं देवाणं अट्ठारसहिं अद्धमासेहिं आणमंति वा, पाणमंति वा, ऊससंति वा, नीससंति वा। तेसि णं देवाणं अट्ठारस वाससहस्सेहिं आहारट्टे समुप्पज्जइ।
संतेगइआ. भवसिद्धिया जीवा जे अट्ठारसहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिनिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति।
आनत कल्प में अठारह सागरोपम जघन्य स्थिति वाले देव कहे गए हैं। वहाँ देव विशिष्ट विमानों में देव रूप से उत्पन्न होते हैं। उन विशिष्ट विमानों की संख्या बीस कही गई है। यथा - १. काल विमान, २. सुकाल विमान, ३. महाकाल विमान, ४. अंजन विमान, ५. रिष्ट विमान, ६. साल विमान, ७. समान विमान, ८. द्रुम विमान, ९. महाद्रुम विमान, १०. विशाल विमान, ११. सुशाल विमान, १२. पद्म विमान, १३. पद्मगुल्म विमान, १४. कुमुदविमान, १५. कुमुदगुल्म विमान, १६. नलिन विमान, १७. नलिन गुल्म विमान, १८. पुण्डरीक विमान, १९. पुण्डरीक गुल्म विमान, २०. सहस्रारावतंसक विमान। वे देव अठारह सागरोपम स्थिति वाले होते हैं। वे देव अठारह अर्धमासों (नौ मासों) के अन्तराल से उच्छ्वास-नि:श्वास अथवा आन-प्राण की क्रियाएँ करते हैं। वे देव अठारह हजार वर्ष के उपरान्त आहार ग्रहण करने की इच्छा करते हैं।
कितने ही भव्यसिद्धिक जीवों के सन्दर्भ में कहा गया है कि वे अठारह भव (अठारह बार जन्म) ग्रहण करेंगे। इसके पश्चात् वे सिद्ध-बुद्ध होंगे। वे भव्य सिद्धिक जीव कर्मों से मुक्ति पाकर परम निर्वाण को प्राप्त होंगे। वे जीव अन्ततोगत्वा सर्वदुःखों का शमन (अन्त) करेंगे।
In Aanat kalpa the minimum life duration of the celestial beings has been said eighteen Sagropama. There the gods reincarnate into the specific celestial vehicles (vimans). The number of these specific vimans has been described twenty as :- 1. Kaal Vimans, 2. Sukaal Vimans, 3. Mahakaal Vimans, 4. Anjan Vimans, 5. Rishat Vimans, 6. Saal Vimans, 7. Samaan Vimans, 8. Drum Vimans, 9. Mahadrum Vimans, 10. Vishal Vimans, 11. Sushaal Vimans, 12. Padam Vimans, 13. Padam Gulm Vimans, 14. Kumud Vimans,
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समवायांग सूत्र % % % %
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18th Samvaya % % % %% %
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