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अठारह हजार वर्षों का समय व्यतीत होना शेष है। तत्पश्चात छठा आरा आएगा। वह भी २१ हजार वर्ष का होगा। इस प्रकार पाँचवा और छठा दोनों ही मिलकर ४२००० वर्ष व्यतीत हो चुकने पर यह अवसर्पिणी काल पूर्ण होगा और उत्सर्पिणी काल प्रारंभ होगा। उसके भी प्रथम २१ - २१ हजार वर्ष का छठा और पाँचवा आरा (उत्क्रम से १, २) ४२ हजार वर्ष का काल पूर्ण होने पर चौथा आरा प्रारंभ होगा। इस प्रकार अवसर्पिणी काल के पाँचवे और छठे आरे के ४२ हजार वर्ष तथा तदुपरान्त उत्सर्पिणी काल के पाँचवे और छठे आरे के (उत्क्रम से १, २) भी ४२ हजार वर्ष कुल ८४ हजार वर्षों के अन्तर पर पुनः तीर्थंकर होते हैं । अर्थात् अंतिम चौबीशी में तीर्थंकर भगवान श्री महावीर स्वामी हो जाने के पश्चात ८४ हजार वर्ष बीत जाने पर आगामी चौबीशी के प्रथम तीर्थंकर श्री पद्मनाभ स्वामी होंगे। तत्पश्चात क्रमशः दूसरे-तीसरे करते करते आगामी चौबीशी के चौबीशों तीर्थंकर भगवंत होंगे । २३ तीर्थंकर चौथे आरे के काल में और अंतिम १ तीर्थंकर भगवान तीसरे ओर में होंगे। इस प्रकार उत्सर्पिणी काल में भी सम्पूर्ण चौबीशी होगी। इस गणना से एक कालचक्र में दो चौबीशियाँ होती हैं ।
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आगे बढने पर पुनः दूसरा कालचक्र शुरु होगा अर्थात् उसके भी अवसर्पिणी काल के दो आरे बीत जायेंगे। प्रथम और द्वितीय आरा समाप्त होगा। इन में तीर्थंकर भगवान नही होंगे। पुनः तीसरे आरे के अन्तिम समय में प्रथम तीर्थंकर होंगे और शेष २३ तीर्थंकर चौथे आरे में होंगे। इस प्रकार तीसरे और चौथे आरे में मिलकर चौबीश तीर्थकरों की चौबीशी होगी और पुनः यही क्रम आगे चलेगा । पुनः ८४ हज़ार वर्षोपरान्त उत्सर्पिणी काल के चौथे और तीसरे आरे में दूसरी चौबीशी होगी और पुनः आगे बढते बढते उत्सर्पिणी काल का दूसरा और पहला आरा समाप्त हो जाएगा। इस प्रकार दूसरा कालचक्र पूर्ण होगा। इस प्रकार एक कालचक्र में उत्सर्पिणी और अवसर्पिणी नामक दो काल होते है जिनमें प्रत्येक में छह-छह आरे होते हैं। उत्सर्पिणी काल भी १० कोटाकोटी सागरोपम का होता है। इसी प्रकार अवसर्पिणी काल भी १० कोटाकोटी सागरोपम का होता है। दोनों का योग करने पर २० कोटाकोटी सागरोपम का एक कालचक्र होता है। इस एक कालचक्र में दो चोबीशियाँ होती है। इस प्रकार अनुमान लगाने पर पता चलेगा कि, अनंत भूतकाल में कितने कालचक्र व्यतीत हो चुके होंगे ? क्योंकि काल तो सतत - निरंतर नदी के प्रवाह की तरह चलता ही रहता है। काल एक सैकंड भर भी किसी के लिये रुकता
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