________________
निर्माण करता है । औदारिक वर्गणा ग्रहण करके जीव अपना शरीर बनाता है |
आहारक लब्धिधारी मुनि आहारक वर्गणा ग्रहण करके आहारक शरीर बनाते हैं। तैजस् वर्गणा से तैजस् शरीर बनाता है । श्वास लेने योग्य श्वासोच्छवास वर्गणा है। बोलने के लिये भाषा वर्गणा के पुद्गल-परमाणुओं को खींचकर बोला जाता है और विचार करने के लिये जीव मनोवर्गणा के पुद्गल-परमाणुओं का समूह आकर्षित कर उसका पिंड बनाकर विचार करता है जिसे मन कहते हैं और अंत में जीव वातावरण में से कार्मण वर्गणा के पुद्गल-परमाणुओं को राग-द्वेषादि भावपूर्वक अपनी ओर आकर्षित करता है और परमाणुओं का वह पिंड कर्म कहलाता है । कर्म भी जड़ है - मन भी जड़ है । चैतन्य आत्मा चेतनाशक्तिशाली जीव हैं । यह जीव ही स्वयं कर्ता है, कर्तृशक्ति जीव में ही है अतः आठों ही प्रकार की वर्गणाओं को आकर्षित करना, उनका परिणमन करना सब जीव का कार्य है । चेतन जीव के बिना यह कार्य कोई नहीं कर सकता ।
पुद्गल पदार्थ हैं जिन्हें लेकर जीव शरीरादि का निर्माण करता है । इसमें ईश्वर को बीच में घसीट लाने की आवश्यकता ही कहाँ रहती है ? जीव माता के गर्भ में रहता है । माता के आहार में से औदारिक पुद्गल की वर्गणा को जीव सतत ग्रहण करते करते छह पर्याप्तियाँ आदि बनाता है । यह कार्य जीव स्वंय ही करता है अतःऐसा करने में उसे साढ़े नौ माह का समय लग जाता है । यदि ईश्वर. इस देह की रचना करता होता तो उसे साढ़े नौ माह क्यों लगते ? ईश्वर तो जादूगर की भाँति चुटकी बजाने जितने समय में सब कुछ बना देता हैं तो इतने लम्बे समय का प्रश्न ही क्यों ? और यदि ईश्वर एक शरीर बनाने लग जाए और इस कार्य में उसे साढ़े नौ महिने लग जाएँ, तब तो उसके सिर पर हजारों काम हैं, असंख्य कार्य हैं, उसे अनंत पदार्थ बनाने हैं तो फिर इन सभी पदार्थों को बनाने में उसे कितना अधिक समय लग जाएगा ? कितने वर्ष ! कितने युग वह ले लेगा ? अभी तक काम तो नित्य चलते ही रहते हैं तो क्या यह समझ लें कि ईश्वर को नित्य काम रहते हैं अतःवह शांतिसे नींद भी कर पाता है अथवा नहीं । और यदि इस प्रकार नित्य ही निर्माण करने का उत्तरदायित्व उस पर रहता है । तब तो क्या ईश्वर सदा काल के लिये निर्माण कार्य में ही व्यस्त रहता है ? नित्य प्रतिदिन कितने गर्भ ठहरते हैं? नित्य कितने जीव धरा पर जन्म लेते हैं ? आदि संख्या देखें तो लाखों की होती है .... तो ईश्वर को एक एक जीव के पीछे कितने रुप करने पड़ते होंगे ?और कितने
194