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को सृष्टिकर्ता ही कहा गया है । इनके कथनानुसार इनके भगवान ही इस सृष्टि की रचना करते हैं ।
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३) मुसलमानों के इस्लाम धर्म की दृष्टि से भी अल्लाह - खुदा ही सृष्टि का निर्माता है । इनकी मान्यता भी ईश्वर की सृष्टि रचना करने वाले के रुप में ही है । हिन्दू धर्मान्तर्गत अनेक पक्ष और मत भी सृष्टि के कर्ता के अर्थ में ईश्वर को ही मानते हैं । वेदों के मानने वाले वेदान्तमतानुयायी भी ईश्वर को सृष्टि का कर्ता मानते है । नैयायिक - वैशेषिक भी सृष्टि कर्ता जगत का रचायिता ईश्वर को ही मानते हैं । शैव-शंकर मतवादी भी सृष्टि कर्ता को ही ईश्वर मानते हैं । सृष्टिकर्ता के रूप में ईश्वर को न माननेवाले पक्षों में जैन, बौद्ध, सांख्य और मीमांसको का समावेश होता है । इसी प्रकार पाश्चात्य मतों में भी जगत्कतृत्ववादी पक्ष ही अधिकांशतः हैं । जैन धर्म में ईश्वर को जगत्कर्ता के रूप में नहीं माना है। इनके अनुसार आत्मा ही परमात्मा स्वरुप में शुद्ध होती है । उस परमात्मस्वरुप को ही ईश्वर माना है । इसे अरिहंत तीर्थंकर अथवा वीतराग की अवस्था में पूजा की जाती है । इनके अनुसार जगत के कर्ता की कोई आवश्यकता ही नहीं है - सृष्टि के कर्ता की कोई आवश्यकता ही नहीं रहती, क्यों कि सृष्टि स्वयंभू है । जीव- अजीव के जो मूलभूत पदार्थ स्वतंत्र अस्तित्व रखते हैं वे ही उनके संयोग वियोग की स्थिती के अनुसार सृष्टि का निर्माण करते चलते हैं । संयोग जीवअजीव को मिलाते है वियोग जीव- अजीव को अलग अलग करते हैं । इस प्रकार जीव स्वयं अजीव के संयोग से अपने ही तरीके से स्वयं निर्माण कर लेता है । पौद्गलिक सृष्टि में पुद्गलों की प्रधानता है । जीव पुद्गलों के ग्रहणकर्ता हैं । अतः सृष्टि के कर्ता बनानेवाले की आवश्यकता नहीं रहती । जीव जिस प्रकार अजीव के संयोग से सृष्टि निर्माण करता है उसे ईश्वर कहने की कोई आवश्यकता नहीं है । अतः जैन मान्यता स्पष्ट है कि अरिहंत भगवान इस सृष्टि का निर्माण नहीं करते। वे जगत की रचना नही करते और जीव स्वयं अजीव के योग-संयोग से जो रचना करता है उसे भगवान या ईश्वर नहीं कहते, न सृष्टि की रचना के लिये ईश्वर
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कल्पना भी की गई है । अन्य सभी धर्मों ने सृष्टि की रचना को स्विकार किया है अतः उसे बनाने वाले को ईश्वर मान लिया है। सृष्टि की रचना के लिये ईश्वर की कल्पना करें ? या ईश्वर के लिये सृष्टि - रचना के कार्य की कल्पना करें ? सृष्टि की रचना के लिये ईश्वर को मानना आवश्यक है या ईश्वर को मानने के बाद वह
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