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________________ नमस्कार फलदायी या मंत्र ? क्रियात्मक रुप से नमस्कार को मंत्र से अलग करें और मंत्र भाग को नमस्कार से अलग करें, क्यों कि नमस्कार के बिना स्वाहा, वषट् आदि से भी मंत्र तो बनता ही है । फिर ऐसे अनेक मंत्र हैं जिनका उपयोग किया जाता है । अनेक बड़े बड़े लम्बे लम्बे अक्षरों वाले बड़े मंत्र भी अनेक होते है जिनकी लम्बाई के कारण जीव उन्हें गिनने में असमर्थता का अनुभव करता है । अनुकूल न लगते हो तो क्या किया जाए ? और यदि अशुद्ध रुप से गिने जाएँ तब भी दोष लगता है, तो आखिर क्या करना ? इस परिस्थिति में कल्पसूत्र के रचयिता पूर्वधर महापुरूष भद्रबाहू स्वामी अपनी उवसग्गहरं स्तोत्र की रचना में नमस्कार का महत्व बताते हुए कहते हैं कि चिट्ठउ दूरे मंतो, तुज्झ पणामो वि बहुफलो होई । नर तिरिएसु वि जीवा, पावंति न दुक्ख.दोगच्चं ॥३॥ भावार्थ यह है कि 'हे पार्श्वनाथ भगवान ! आपके नाम का बना हुआ बड़ा लंबा मंत्र तो दूर रहो... अठारह अक्षरों का लंबा मंत्र है और इसी प्रकार अन्य भी लंबे बड़े मंत्र अनेक हैं ऐसे मंत्रो का गिनना इनका जाप करना भी अनुकूल न लगता हो, तो वे तो दूर रहो, परन्तु आपको भक्ति भाव पूर्वक एक प्रणाम नमस्कार भी किया जाए तो वह भी अनेक फलदाता है । आपको प्रणाम-नमस्कार करने वाले भी अनेक फल प्राप्त करते हैं । वैसे प्रणाम करने वाले मात्र मनुष्य ही नहीं, बल्कि तिर्यंच जाति के पशु-पक्षी भी प्रणाम करें तो दोनों प्रकार के जीव दुःख और दुर्गति नहीं पाते हैं । उनकी दुर्दशा नहीं होती हैं । अर्थात् प्रभु को प्रणाम करने वाले जीव दुःख और दुर्गति दुर्दशा से बच कर ऊपर उठ जाते हैं । प्रभु को • किये हुए प्रणाम में इतना लाभ है। तिर्यंच पशु पक्षी भी तिर जाते हैं तो फिर मनुष्यों का तो कहना ही क्या ?' 'तुज्झ पणामो' शब्द यह सूचित करता है कि प्रभु को किया हुआ प्रणाम भवसागर से पार उतारता है । न कि अकेला नमस्कार, न अकेले प्रभु, परन्तु दोनों का संयुक्त भाव तिराता है, प्रभु और प्रणाम दोनों संयुक्त रुप से तारक हैं, अतः प्रथम पद में “नमो अरिहंताणं” साथ साथ रखे गए हैं । अकेले नमस्कार नहीं, परन्तु अरिहंत को किया हुआ नमस्कार तिराता है । 116
SR No.002485
Book TitleNamaskar Mahamantra Ka Anuprekshatmak Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorArunvijay
PublisherMahavir Research Foundation
Publication Year1998
Total Pages480
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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