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________________ निवारण करते करते नमन करना है । अविनय आशातना अहंकार वृत्ति मेंकषायवृत्तिमें संभव है । यह अनुपयोग भाव में शक्य है अतः उसका क्षय करना हैं - निवारण करना है और ये सभी पाप नमस्करणीय को नमन करने से निकल पाएँगे - दूर हो सकेंगे। ___ नमस्कार करने से ज्ञानावरणीय, दर्शनावरणीय कर्मों का क्षय होगा और सब से अधिक तो मोहनीय कर्म का क्षय होगा । इन में रहे हुए कषायादि दुभावों का निवारण होगा और यही हमें करना है । इस प्रकारे 'जावणिज्जाए' शब्द शक्ति पूर्वक अर्थ सूचक है अर्थात् अंतराय कर्म और उसमें भी विशेष रुप से वीर्यान्तराय कर्म का क्षय करना है । इस प्रकार चारों ही घाती कर्मों का क्षय करना है - जो नमस्कार भाव से ही संभव है । बाहुबली महात्मा बारह माह तक काउसग्ग मुद्रा मे ध्यान साधना के अंत में नमस्कार भाव आने पर तुरन्त ही चारों ही घाती कर्मों का क्षय कर केलज्ञान प्राप्त करते हैं । प्रक्रिया नमस्कार भाव की बनी । केवलज्ञान की प्राप्ति में नमस्कार भाव सहायक कारण बना। नमस्कार जीव के भाव में है : नमस्कार की क्रिया जीव भाव के साथ संबंधित है । अजीव भाव के साथ इसका संबंध नहीं है । जीव के गुणों को लक्ष्य में रखकर नमस्कार किया जाता हैं, अजीव के गुणों को लक्ष्य में नहीं रखा जाता । भले ही हम ‘अरिहंतादि' की पाषाणं की प्रतिमा को नमस्कार वंदनादि करते हैं उसमें अजीव - जड़ पाषाण को हम नमस्कार नहीं करते, बल्कि उस प्रतिमा में भी पुरूषाकृति जो बनाई है, उस में उन तीर्थंकर प्रभु के भाव-शक्ति आदि आरोपित हैं, तत्पश्चात् ही दर्शन - पूजन - स्तुति स्तवनादि के समय भी उनके गुणगान करते करते संकीर्तन किया जाता है । अतः अजीव - जड़ या पाषाण रुप में उन्हें देखने का भाव नहीं है, बल्कि जीव विषयक गुण देखते देखते नमस्कार किया जाता है । ऐसें रहस्य पीछे होते हुए भी और प्रत्यक्ष ऐसे हेतु स्पष्ट दिखाई पड़ने पर भी प्रतिमा के विरोधिओं को प्रतिमा देखने के साथ ही क्यों और कैसे अजीव या जड़ पाषाण भाव आ जाते हैं ? संभव है उनकी जड़ बुद्धि के कारण ही उन्हें प्रतिमा मे जडत्व ही दिखाई देता होगा ? मात्र जड़ भाव से अथवा जड़ दृष्टि से ही पूजने की बात 112
SR No.002485
Book TitleNamaskar Mahamantra Ka Anuprekshatmak Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorArunvijay
PublisherMahavir Research Foundation
Publication Year1998
Total Pages480
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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