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ज्ञान प्राप्ति की प्रक्रिया - प्रत्यक्ष और परोक्ष
अक्षं प्रति इति प्रत्यक्षम् । अक्ष इन्द्रियों को कहते हैं अतः इन्द्रियों और मन के जरिए बाह्य विषयों का जो भी ज्ञान आत्मा को प्राप्त होता है वह परोक्ष ज्ञान कहलाता है । पर शब्द से अन्य और अक्ष से इन्द्रियाँ - मन । अतः आत्मा से पर (अन्य) ऐसी इन्द्रियाँ और मन से जो ज्ञान आत्मा को प्राप्त होता है उसे परोक्ष ज्ञान INDIRECT कहते हैं । आत्मा से सीधे प्रत्यक्ष न होने के कारण परोक्ष कहते हैं। ऐसे मतिज्ञान और श्रुतज्ञान ये दोनों परोक्ष कक्षा के ज्ञान हैं । क्योंकि (१ ले चित्रानुसार) ये दोनों ज्ञान ५ इन्द्रियाँ तथा मनपूर्वक होत हैं। इनकी मदद के बिना इन दोनों ज्ञानों का होना संभव ही नहीं है ।
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यद्यपि इस रहस्य का किसी को ख्याल ही नहीं रहता है अतः लोक व्यवहार में दुनिया इसी ऐन्द्रिय ज्ञान को ही प्रत्यक्षज्ञान मानती है । अतः इस दृष्टि से प्रत्यक्ष को प्रकार का बताया है ।
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आध्यात्मिक विकास यात्रा