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४ किसी भी विधवा के साथ देह संबंध नहीं बांधना। . ५ किसी विधवा का पुनर्लग्न न करना न कराना। ६ किसी कुमारिका या परस्त्री आदि पर बलात्कार न करना । ७ व्यभिचार सर्वथा न करने की आजीवन प्रतिज्ञा करना। ८ वेश्यागमन न करने की आजीवन प्रतिज्ञा करना। ९ परस्त्री से मैथुन संबंध न करने की आजीवन प्रतिज्ञा करना। १० स्वस्त्री में मर्यादित काम प्रवृत्ति रखना। ११ २, ५, ८, ११, १४, १५, ३० आदि पर्व तिथि को ब्रह्मचर्य पालना, तथा पर्युषण,
ओली आदि बड़े पर्वो में जरूर ब्रह्मचर्य पालना। १२ उपवास आयंबिल आदि तप करने के दिन ब्रह्मचर्य पालना, पूजन, महोत्सव
अनुष्ठानादि में भी। १३ यात्रा करते समय तीर्थों में ब्रह्मचर्य पालना। १४ दिन में संपूर्ण ब्रह्मचर्य पालना। १५ छोटी आयु के बच्चों के बाल लग्न न करना, न कराना। १६ घर में भाभी, साली, मामी, बहन, बेटी आदि से भूल से भी कभी अब्रह्म सेवन की
इच्छा न करना । न कुकर्म करना । समलिंगिक संबंध सर्वथा न करना। १७ निरोधादि साधनों का उपयोग कभी न करना, और ऐसे साधनों का उपयोग करके
परस्त्री गमन कभी भी न करना। १८ शादि के पहले तक नैष्ठिक ब्रह्मचर्य पालना। १९ किसी भी परिस्थिति में गर्भपात न करना, और न किसी का कराना। २० गर्भ हत्या के महापाप से आजीवन बचना। २१ स्त्री मित्र कभी भी न बनाना। २२ स्व पलि के सिवाय अन्य किसी के साथ भी प्रेम संबंध न जोडना, आलिंगनादि न
करना। २३ समलिंगिक सम्बन्ध कभी भी न करना। २४ सृष्टि विरुद्ध कुकर्म (गंदी आदतों) का आजीवन त्याग करना । न कुकर्म में अन्य
को फँसाना।
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आध्यात्मिक विकास यात्रा