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शिल्प शास्त्रीय नक्षा बनवाया। जिससे पू.गुरुदेव के ध्यानानुसार एवं दिव्य संकेतानुसार एक अद्भूत समवसरण महाप्रासाद का प्लान तैयार हुआ।
विश्व में आज की दुनिया में समस्त अवनितल पर कहीं भी नहीं है ऐसा सर्वप्रथम कक्षा का विशाल एवं भव्य समवसरण महाप्रासाद का निर्माण कार्य प्रारम्भ हुआ है। बंसीपहाडपुर के गुलाबी पाषाण राजस्थान की धरती से पुना तक लाया जा रहा है। एवं वृत्ताकार प्रकार का ३ गढ का भव्य समवसरण का कार्य प्रारम्भ हुआ है। सुयोग्य श्रेष्ठ मुहूर्त पर भूमिपूजन-खातमुहूर्त-शिलान्यास विधान हुआ। अनेक भाग्यशालीयों तथा श्री संघों ने लाभ लिया।
३ गढ के इस महाप्रासाद में प्रत्येक गढ में चारों दिशा में चार प्रवेश द्वार है। इस तरह कुल १२ प्रवेश द्वार, १२ चोकीयें बनेगी। सुंदर तोरण युक्त विशाल प्रवेश द्वारों से सुशेभित प्रासाद के उपर अशोक वृक्षाकार सामरण बनेगा।
५४४५४ फूट के विशालतम गम्भारे में गादी परिकर युक्त ३०.x १४फूट की बडी विशाल मूर्तियां बन रही है। केन्द्रस्थ गम्भारे में समवसरण के ३ गढ आकार का पबासण बनेगा। १०५ इंच की बडी भव्य ४ प्रतिमा विशाल परिकर के साथ प्रतिष्ठित होगी। विश्व में सर्वप्रथम बार ही इतनी विशाल अनोखी अद्भूत मूर्तियां बनेगी। मरगज रत्न के विविध रंगो में अनेक रंगो की रंगीन मूर्तियां बन रही है। .. .. करीब १०८ फूट की ऊंचाई पर विशाल ध्वजा लहराएगी। एक तीर्थ अभिनव रुप ले रहा है।
' आनेवाले यात्रिकों के लिए ऊपर जाने का करीब ३० फुट चौड़ा रास्ता बना हुआ है। बस तथा गाडीयां ऊपर जा सकती है। पहाडी की तलेटी में वीशस्थानक यन्त्रमय महाप्रासाद के दर्शन करके यात्री पहाडी की चोटी पर पहुंचेंगे। वहां श्री वर्धमान समवसरण ध्यानालयम् महाप्रासाद बन रहा है। इस अभिनव तीर्थ की यात्रा करने का लाभ यात्रीगण लेंगे। आइए....पधारीए.....वीरालयम् जैन तीर्थ की यात्रा करने पधारीए ..........।
वीरालयम् जैन तीर्थ . मुंबई-पुना, कात्रज बायपास, आंबेगांव (खुर्द) पो. जांभुलवाडी - पुणे -४६ PUNE - 411046 Ph. No. - 24317874/24319057/Mo. - UTTAM BAFNA - (0) 9326230914