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स्मरण कराया । मुनि श्री हेमन्तविजयजी म. ने दो शब्दों में गुरुदेव के ज्ञान की गरिमा का परिचय कराया । श्रीमान शा. लक्ष्मीचन्दजी कोठारी ने संस्कृत पण्डित परिषद द्वारा पूज्यश्री की प्रगट विद्वत्ता का स्मरण कराके पूज्यश्री की विद्वत्ता की मुक्तकंठ से प्रशंसा की । श्रीमान केवलचन्दजी पिरगल ने साधु के सत्संग-समागम की आवश्यकता की बात करते हुए पू. अरुणविजयजी म. जैसे विद्वान संत का बेंगलोर शहर को जो योग प्राप्त हुआ है उसकी काफी अनुमोदना की। संघ मंत्री श्रीमान शा. तेजराजजी जैन ने चातुर्मास में हुए शृंखला बद्ध शासन प्रभावना के अनेक कार्यों का विवरण देते हुए पूरे चातुर्मास के शुभ कार्यों की अनुमोदना की । तथा पूज्यश्री के उपकारों का स्मरण करते हुए चातुर्मास को सफल बनाने हेतु श्री वासुपूज्य जैन सेवा मण्डल आदि के उत्साही युवा कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिये। विशेषरूप से श्रीमान यशवन्तजी, सुभाषजी बुरट, प्रवीणजी, रतन पावेचा, बाबूलालजी आदि उत्साही युवा कार्यकर्ताओं को विशेष धन्यवाद प्रदान किये । श्रीमान पारसमलजी लूणिया ट्रस्टीने पूज्यश्री के उपकारों का स्मरण करते हुए प्रतिष्ठार्थ दो वर्ष पश्चात पुनः पधारने के लिए विनंति की। प्रतिष्ठार्थ पुनः पधारने के लिए अनेकों के भाव-भावुकोंने प्रेम से व्यक्त किये । पूज्यश्री बेंगलोर का प्रेम संपादन करके पधार रहे हैं अतः सबकी आंखों के तारे-जैन शासन के सितारे बने हैं ये भाव-उद्गार सबके रहे।
करीब १२.३० के विजयमुहूर्त के शुभ समय में बेंगलोर वासियों ने पूज्यश्री को अश्रुपूर्ण भीगे दिल से विदाय दी । श्रीमान मधुकर भाई शाह परिवार की विनंति से पूज्यश्री सदाशिव नगर उनके निवासस्थान पर पधारे । श्रीमान मधुकरभाई शाह ने सकल संघ की खूब सुन्दर भक्ति की । प्रवचन हुआ। दूसरे दिन वहाँ से आगे पूज्यश्री ने विहार कियाहैद्राबाद-सिकन्द्राबाद-सोलापूर-पूना-नासिक-बरोडा-सुरत-अहमदाबाद होते हुए श्री रातामहावीरजी-हथूण्डी तीर्थ की प्रतिष्ठा हेतु राजस्थान पधारने के लिए प्रयाण किया। श्री वासूपुज्य जैन धार्मिक पाठशाला' के बालक-बालिकाओं ने विदाय गीतों से सबकी आंखे भर दी। “अरुणविजयजी आए हैं.. नई रोशनी लाए हैं" “अरुणविजयजी ने क्या किया?. युवानों का उद्धार किया.." इस नारों से बेंगलोर शहर की गलियाँ गूंज उठी थी। और सचमुच ये नारे... मात्र नारे ही नहीं रहे.... अपितु कार्यान्वित होकर सत्य सिद्ध हुए हैं।
धन्य गुरुदेव.... धन्य हो..... धन्य हो.....