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________________ मार्गदर्शन दिया। सुमेरपुरवाले सोमपूरा श्रीमान शा. हेमराजजी गंगाधर ने शिखरबंधी मंदिर का नक्षा बनाकर दिया । और संघ ने उन्हें ओर्डर दिया। और माह महिने शुभ मुहूर्त से खात मुहूर्त भूमिपुजन एवं शिलान्यास की शुभ शुरुआत होगी और कार्य आगे बढेगा। देखते ही देखते भव्य शिखर बंधी जिनालय निर्माण होगा। व्यसन मुक्ति शिबिर - एवं नेत्र यज्ञ.. बेंगलोर के फार्मास्युटिकल होलसेल वेलफेर कमिटि ने पूज्य पंन्यासजी श्री अरुणविजयजी म. के सदुपदेश-प्रेरणा एवं मार्गदर्शनानुसार व्यसन मुक्ति शिबिर का तथा नेत्र यज्ञ का सुंदर आयोजन अक्कीपेठ. संघ में किया। सचमुच जिसकी बहुत ही आवश्यकता थी। एक तरफ जनता में आँख की बीमारियाँ बढती ही जा रही हैं । दूसरी तरफ व्यसनों का प्रमाण दिन दुगुना-रात चौगुना बढता ही जा रहा है । परिणाम स्वरूप केन्सर की मात्रा बढ़ती ही जा रही है और लोग इस केन्सर के कारण जिन्दगी से हाथ धो रहे हैं । व्यसन भी केन्सर का सबसे बड़ा कारण सिद्ध हो चुका है। ऐसी परिस्थिति में देशवासी जनता को इस मौत के मुख में से बचाने के लिए युद्धस्तर पर व्यापक कार्य करना ही हमारा पवित्र कर्तव्य बनता है। मनुष्य बीमार पड़ने के बाद उसकी सेवा करने के बजाय उसको बीमार होने ही न दिया जाय यह सेवा सबसे बडी सेवा है। इसी विचार के आधार पर... दो मेडिकल केम्प एक साथ योजे गए। श्री वासुपूज्यस्वामी जैन श्वे. म. संघ ने अक्कीपेठ के विशाल धर्म-प्रेम प्रवचन मण्डप की जगह प्रदान की । बेंगलोर की और वह भी जैन समाज की सुप्रसिद्ध भगवान महावीर जैन होस्पिटल के कार्यकर्ताओं ने अपने “आँख-विभाग” का पूरा साथ–सहयोग प्रदान किया । नेत्र चिकित्सक सर्जन डॉक्टर श्रीमान नरपत सोलंकी आदि की टीम ने अपना पूर्ण सहयोग प्रदान किया। अपनी सेवा देकर करीब १ हजार मरीजों की आँखे तपासकर निदान किया । और दूसरे ही दिन से श्री भगवान महावीर हॉस्पिटल में ओपरेशन भी शुरु कर दिये गए । करीब ५०० से ६०० के ऊपर ओपरेशन किये गए। श्री फार्मास्युटिकल होलसेलर्स वेलफेअर कमिटि ने अपने खर्चे से सभी ओपरेशन एवं जांच सर्वथा निःशुल्क कराके ऊपर से चश्मे भी वितरित किये । दवाइयाँ भी दी। . सेलम शहर के विनायका मिशन होम्योपेथिक हॉस्पिटल एवं कॉलेज के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम इस मेडिकल केम्प में पधारी थी। व्यसनों के आदि मरीजों की जांच की गई। साथ ही श्री महावीर जैन सेवा केन्द्र द्वारा संचालित “श्री महावीर जैन धर्मार्थ दवाखाना” का भी इस सेवा के कार्य में पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ। डॉ. दीपक शाह आदि की टीम ने भी काफी प्रशंसनीय सेवा प्रदान की। तथा सबको औषधियाँ भी दी गई। तथा 19
SR No.002482
Book TitleAadhyatmik Vikas Yatra Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorArunvijay
PublisherVasupujyaswami Jain SMP Sangh
Publication Year1996
Total Pages496
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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