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________________ ९ तथा १० वें स्वर्ग के विमान की पृथ्वी की मोटाई - - ११ तथा १२ वे स्वर्ग के विमान की पृथ्वी की मोटाई - - २३०० यो. तथा ऊँचाई ९०० यो. ५ अनुत्तर विमानों की पृथ्वी की मोटाई - - ९ ग्रैवेयक के विमानों की पृथ्वी की मोटाई - - २३०० यो. तथा ऊँचाई ९०० यो. संसार २२०० यो. तथा ऊँचाई १००० यो. २१०० यो. तथा ऊँचाई ११०० यो.. स्वर्गीय विमानों के रंग भुवनपति देवताओं के भवन, व्यन्तरों के नगर, और ज्योतिषी के विमान विविध वर्णवाले... भिन्न भिन्न रंग वाले रंगीन होते हैं। आगे ऊपर वैमानिक देवलोक के विमानों वर्णादि (रंगादि इस प्रकार बताए हैं । १ ले २ रे स्वर्ग का विमान श्यामवर्णी - काला, नीला, लाल, पीला और सफेद इन पाँचों रंगवाले होते हैं । रे तथा ३ रे स्वर्ग विमान इनमें से ४ रंगवाले, ५ वे तथा ६ ठे स्वर्ग के विमान लाल पीले तथा सफेद इन ३ रंग वाले होते हैं । और ७ वें तथा ८ वें स्वर्ग के विमान पीले-श्वेत २ रंग वाले होते हैं । और ९ वें स्वर्ग के बाद आगे के सभी देवलोकों के विमान सिर्फ श्वेत सफेद रंग के ही होते हैं । इस तरह इन विमान पृथ्वियों के रंग कहे। इससे ये भिन्न-भिन्न रंग वाली अलग-अलग प्रकार की पृथ्वियाँ कही गई हैं । 1 I समान मापवाली पृथ्वियाँ - १४ राजलोक के इस विशाल ब्रह्माण्ड में प्रथम नरक के प्रथम प्रतर में आया हुआ सीमंत नामक इन्द्रक नरकावास, और समस्त मनुष्य क्षेत्र उडु नामक विमान पृथ्वी, तथा सिद्धों के निवासवाली सिद्धशिला पृथ्वी ये चार पृथ्वियाँ ४५००००० (४५ लाख) योजन के माप - विस्तारवाली है । साँतवी नरकभूमि के अंतिम प्रतर के बीच के अप्रतिष्ठित नरकावास, पाँच अनुत्तर कल्प में रहे हुए सर्वार्थसिद्ध विमान और हम मनुष्यादि जो रह रहे हैं वह जंबूद्वीप की पृथ्वी ये तीनों वृत्त - गोलाकार आकृति के रूप में तथा १ लाख योजन के विस्तारवाली है । इस तरह समान माप - प्रमाणवाली पृथ्वियाँ श्री बृहत् संग्रहणी ग्रन्थ में दर्शायी गई हैं । २०७
SR No.002482
Book TitleAadhyatmik Vikas Yatra Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorArunvijay
PublisherVasupujyaswami Jain SMP Sangh
Publication Year1996
Total Pages496
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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