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सम्मेतशिखर तीर्थ रक्षा-विराट सभा का आयोजन
पूज्यश्री की प्रेरक एवं अथक परिश्रम से समस्त श्वेताम्बर समाज की एक विराट सभा का आयोजन किया गया। बेंगलोर में बिराजमान सभी साधु-साध्वीजी म. पधारे । पू.आचार्य श्रीनयप्रभसूरि म, पू. पंन्यासप्रवर श्री अरुणविजयजी म.सा, पू. मुनि श्री मुक्तिचंद्र वि.म., मुनि श्री नंदिरत्न वि.म., आदि मुनिवृंद तथा समस्त साध्वीजी म. पधारे थे। अहमदाबाद से शेठ आणंदजी कल्याणजी की पेढी के एवं जैन संघ के अग्रगण्य ट्रस्टी श्रीयुत श्रेणिकभाई शाह विशेषरूप से पधारे थे । एकत्रित विराट सभा में श्रेणिकभाई शाह ने सम्मेतशिखरजी तीर्थ का इतिहास समझाते हुए सारी बात विराट सभा में उपस्थित जनता को शान्ति से समझाई । पू. आचार्यश्री ने तीर्थ रक्षा के लिए तैयार रहने की घोषणा की । पूज्य पंन्यासजी श्री अरुणविजयजी म.सा. ने हृदयम्पर्शी प्रेरक उद्बोधन किया । अपने कर्तव्य का पालन करने के लिए.... प्रत्येक जैन मात्र को सजाग किया। वर्तमान में चल रहे गंदे राजकारण के कारण कैसे सम्मेतशिखर तीर्थ के विवाद को बहकाया-भडकाया गया है यह समझाया। एवं मुनिचन्द्र म. ने भी इतिहास की तरफ इंगित किया।
समस्त बेंगलोर के महिला मण्डल, तथा सेवा मण्डल-युवक मण्डलों ने हस्ताक्षर अभियान चलाकर जो राशी एकत्रित की थी वह श्रीयुत श्रेणिकभाई शाह को अर्पण की । साथ ही महासंघ ने विशेष बडी राशी एकत्रित कर तीर्थ रक्षा हेतु प्रदान करने की घोषणा की। अक्किपेठ में तीर्थ रक्षा अभियान में अपना सक्रिय सहयोग देनेवाले युवक कार्यकर्ताओं तथा महिला–बालिकाओं का विशेष सन्मान महासंघ की तरफ से किया गया। श्री महावीर जैन धर्मार्थ निःशुल्क दवाखाना
___ आरोग्य जीवन का अनिवार्य प्रश्न है । वर्तमान काल में दवाई-उपचार काफी महंगे होते ही जा रहे हैं । ऐसी परिस्थिति में सामान्य मानव के लिए दवाई, डॉक्टर, आदि की उपलब्धि बहुत ज्यादा असंभव बनती जा रही है । सामान्य मानव का दुःख-दर्द देखकर पूज्य पंन्यास प्रवर ने विशेष उपदेश देकर....धर्मार्थ दवाखाना खोलने के लिए समझाया। पूज्यश्री के सदुपदेश प्रेरणा एवं मार्गदर्शनानुसार निर्माण हुई एक संस्था “श्री महावीर जैन सेवा केन्द्र" के उत्साही युवा कार्यकर्ताओं में से श्रीमान यशवन्तजी, रतन पावेचा, बाबुलालजी, सुभाष कुमारजी, प्रवीणकुमारजी, आदि ने पूज्यश्री की सही बात को सिरपर उठाई । एस. एम. लेन-अक्कीपेठ में दो कमरों की नई जगह खरीदी । सुंदर सजाकर दवाखाने के अनुरूप बनायी। भरतभाई शाह ने दवाखाने के लिए फर्नीचर भेंट किया। कूपनों का आयोजन करके समाज के सहयोग से दानराशी एकत्र की।
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